शिवहरि दीक्षित/हरदोई. ‘अगर हरदोई आए और तीस वर्ष पुरानी दुकान के छोटे रसगुल्ले नहीं खाया तो फिर क्या हरदोई आए’ यह कहावत पूरे हरदोई में मशहूर है. जी हां शहर में एक बुजुर्ग पिछले तीस वर्षों से मिठाई का ठेला लगा रहे हैं जिनकी दुकान पर सबसे खास छोटे रसगुल्ले हैं. इस दुकान के रसगुल्ले इतने फेमस हैं कि लोग इस दुकान पर रसगुल्ला खाए बिना आगे नहीं जाते.
मिठाई की दुकान लगाने वाले हरिओम गुप्ता बताते हैं कि वह पिछले तीस वर्षों से मिठाई का ठेला लगाते आ रहे हैं और तब से ही उनकी दुकान की स्पेशल डिश छोटे रसगुल्ले ही बने हुए हैं. जब इस दुकान की शुरुआत हुई थी तब भी ग्राहकों की पहली पसंद छोटे रसगुल्ले वाली डिश थी और आज भी ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. इन छोटे रसगुल्लों को हरदोई के अलावा दूसरे जनपद व दिल्ली तक के ग्राहक पसंद करते हैं.
ऐसे तैयार होते हैं छोटे रसगुल्ले
हरिओम ने बताया कि वह मार्केट से खोया खरीदकर लाते हैं जिसके बाद इन छोटे रसगुल्लों को घर पर तैयार करते हैं. वह खोए को अच्छे से पकाते हैं फिर खोए की छोटी छोटी गोलियां बनाते हैं. उसके बाद इन्हें तला जाता है फिर चीनी की चाशनी में डुबो दिया जाता और तैयार हो जाते हैं छोटे रसगुल्ले.
4 घंटे में बिक जाते हैं रसगुल्ले
इन छोटे रसगुल्ले बेचने वाले हरिओम गुप्ता बताते हैं कि वह अपना ठेला शहर के सिनेमा चौराहे पर शाम 6 बजे से 10 बजे तक ही लगाते हैं. केवल 4 घंटे में ये सारे बिक जाते हैं और उनकी महीने की आमदनी 15 हजार रुपये तक हो जाती है. इसकी कीमत के बारे में वह बताते हैं कि जब 30 वर्ष पहले दुकान की शुरुआत की थी तो इसकी कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी और आज के समय में 280 रुपये प्रति किलो है.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2023, 07:48 IST