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हाइलाइट्स
8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है.
शिव योग में शुभ समय पर भोलेनाथ की पूजा करने उनकी कृपा प्राप्त होती है.
इस बार की महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत एक ही दिन एक साथ हैं.
इस साल 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसकी वजह से महाशिवरात्रि और भी विशेष बन गई है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. इतना ही नहीं महाशिवरात्रि वाले दिन शुक्र प्रदोष व्रत का भी संयोग बना है. शुक्र प्रदोष व्रत की महत्ता यह है कि उसके शुभ प्रभाव से नौकरी, बिजनेस कामयाबी मिलती है और सुख-समृद्धि भरी बढ़ती है. आइए विस्तार से जानते हैं महाशिवरात्रि पर बनने वाले दुर्लभ योग और पूजा मुहूर्त के बारे में.
300 साल बाद महाशिवरात्रि पर बना यह दुर्लभ संयोग
ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी के अनुसार, 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन 300 साल के बाद सभी मनोकामनाओं की सिद्ध करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्यान एवं मंत्र जाप के लिए उत्तम शिव योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. महाशिवरात्रि पर शिव योग पूरे दिन रहेगा. सूर्योदय से लेकर देर रात 12:46 बजे तक शिव योग होगा, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग महाशिवरात्रि की सुबह 06:38 बजे से सुबह 10:41 बजे तक रहेगा.
वैदिक पंचांग के आधार पर फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ने से सर्वाधिक शुभ संयोग वाली है. उस दिन शिव पूजा के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग और श्रवण नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा. सिद्धि योग में महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को होगा. इन शुभ संयोगों में महाशिवरात्रि के होने से शिव पूजा का भक्तों को दोगुना फल प्राप्त होगा.
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शिव योग
शिव योग में शुभ समय पर भोलेनाथ की पूजा करने उनकी कृपा प्राप्त होती है. घर में शुभ कार्य होने के भी योग बनते हैं.
सिद्ध योग
सिद्ध योग का संबंध विघ्नहर्ता श्री गणेश जी से है. इस योग में पूजा करने पर सभी कार्यों में सफलता मिलती है. इस मुहूर्त में किया गया कार्य घर में वृद्धि लाता है.
श्रवण नक्षत्र
शनि देव श्रवण नक्षत्र के स्वामी हैं. श्रवण नक्षत्र में जो भी कार्य किया जाता है, उसका परिणाम शुभ होता है. श्रवण नक्षत्र की पूर्णिमा से शिव जी की प्रिय माह सावन होता है, इसलिए इस दिन पूजा-पाठ के अलावा खरीदारी और नए कामों की शुरुआत करना भी शुभ रहेगा.
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शुक्र प्रदोष और महाशिवरात्रि एक साथ
ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी का कहना है कि इस बार की महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत एक ही दिन एक साथ हैं. शुक्र प्रदोष में पड़ने वाली महाशिवरात्रि विशेष शुभकारी है. इस संयोग में व्रत और शिव पूजा करने से हर समस्याएं दूर होती हैं. शुक्रवार प्रदोष व्रत से नौकरी और बिजनेस में सफलता मिलती है. शिव-पार्वती की पूजा से परिवार में समृद्धि आती है. सौभाग्य और दांपत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है.
महाशिवरात्रि 2024 मुहूर्त
फाल्गुन चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 08 मार्च, रात 09:57 बजे से
फाल्गुन चतुर्दशी तिथि समापन: 9 मार्च, शाम 06:17 बजे पर
महाशिवरात्रि रात्रि पूजा मुहूर्त: 12:07 बजे से 12:56 बजे तक
महाशिवरात्रि सुबह पूजा मुहूर्त: सूर्योदय काल से प्रारंभ
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Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Mahashivratri, Religion
FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 11:55 IST
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