जुगल कलाल/डूंगरपुर. स्वच्छता से तो डूंगरपुर को नई-नई पहचान मिली है, पर अपने जायके को लेकर शहर पहले से मशहूर रहा है. यहां के उदयलाल की मिठाई का स्वाद पिछले 300 सालों से लोगों की जुबा पर चढ़ी हुई है. उनकी मिठाई यहां के लोग विदेशों में भी ले जाते हैं. इतना ही नहीं एक समय इनकी मिठाई राजघराने की पहली पसंद हुआ करती थी.
डूंगरपुर शहर के दर्जी वाडा में 300 सालों से उदयलाल की मिठाई ने डूंगरपुर के लोगों को दीवाना बना रखा है. उदयलाल मिठाई वालों का परिवार 6 पीढ़ियों से मिठाई बनाने का काम करता हुआ आ रहा है. वहीं, उदयलाल मिठाई की दुकान सबसे पहली डूंगरपुर में थी. जब भी मिठाई की बात आती थी तो उदयलाल की मिठाई का नाम सबसे पहले आता है.
नकली मावा आने लगा तो बंद कर दिया पेड़े बनाना
उदयलाल की पेड़े कभी पसंद किए जाते थे. लेकिन समय के साथ बाजारों में बढ़ते नकली मावे के चलन के साथ उदयलाल की दुकान पर पेड़े बनाने बंद कर दिए गए. इसके पीछे कारण पूछने पर दुकान मालिक आशीष जैन बताते है कि, लोगों को उनकी मिठाई स्वाद के साथ-साथ यहां की साफ सफाई और गुणवंता पसंद आती थी. लेकिन, बाजार में आ रहे नकली मावे की वज़ह से उन्होंने पेड़ा बनाना बंद कर दिया. ताकि उनके प्रति ग्राहकों का भरोसा बना रहे. उदय लाल के आज भी जलेबी, बेसन चकी, बूंदी, और खोपरा पाक मिठाई काफ़ी फेमस है.
6 पीढ़ियों से मिठाई बनाने काम
6 पीढ़ियों से मिठाई बनाने काम रहे परिवार में आज 6 सदस्य मिलकर दुकान चलाते हैं. यहां की एक और खासियत है कि आज भी वो मिठाई खुद अपने हाथों से बनाते है. काम पर नौकर तो रखें हैं लेकिन लोगों को उनके हाथ बनी मिठाई ही पंसद आती है.
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FIRST PUBLISHED : June 17, 2023, 09:32 IST