Friday, July 5, 2024
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300 से ज्यादा जिंदगियां बचाई, जब सिस्टम से हुई निराश तो हिला दिया सरकार को…


नई दिल्ली. हर साल 8 मार्च को हमलोग सुनते हैं या अखबारों में पढ़ते हैं कि महिलाओं को बराबरी का हक मिलना चाहिए. इसके लिए हर लेवल पर नजरिया बदलना चाहिए. लेकिन, समाज तो छोड़ दीजिए आप नजर दौड़ाएंगे तो पता चलेगा कि सरकारी नौकरी-पेशा में भी महिलाओं का दर्जा दोयम है. जबकि, महिलाएं धरती, आकाश और समुद्र हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं. आज मैं आपको ऐसे महिला के बारे में बताने जा रहा हूं, जो महिला होते हुए भी 300 से ज्यादा लोगों की जिंदगियां धरती पर नहीं, बल्कि समुद्र में बचाई. लेकिन, सिस्टम से हार गई तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दी. अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने उस महिला के सम्मान की रक्षा करने के लिए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय तटरक्षक दल (आईसीजी) में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन न देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चित करे कि महिलाओं को इंडियन कोस्ट गार्ड में स्थाई कमीशन दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो अदालत इसके लिए आदेश पारित करेगी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने साफ कर दिया कि हम महिलाओं को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने आईसीजी में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन न देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. (फाइल फोटो)

कौन हैं प्रियंका त्यागी
अब आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की यह तल्ख टिप्पणी इंडियन कोस्ट गार्ड की असिस्टेंट कमांडेंट प्रियंका त्यागी की याचिका पर आई है. प्रियंका त्यागी सहायक कमांडेंट पद पर काम करती हुई समुद्र में 300 से ज्यादा लोगों की जिंदगियां बचाई है. त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि उसके योगदान के बावजूद स्थायी कमीशन नहीं दिया जा रहा है. जबकि, तीनों सेनाओं में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जा रहा है. त्यागी ने इसका हवाला देते हुए अपने लिए स्थाई कमीशन देने की मांग की है.

क्यों सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
प्रियंका त्यागी ने अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की तरह भारतीय तटरक्षक दल में भी महिलाओं को स्थाई कमीशन दिए जाने की मांग की है. उन्होंने अपने याचिका में साफ कहा है कि भारतीय कोस्ट गार्ड उनके साथ भेदभाव कैसे कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट में बीते सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई है और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामनी से इसका जवाब मांगा है. अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि आईसीजी इस बारे में जल्द ही हलफनामा दायर करेगा. क्योंकि, इंडियन कोस्ट गार्ड की नौकरी नेवी, एयर फोर्स और आर्मी से अलग है. इसलिए स्थाई कमीशन देने पर अभी विचार हो रहा है.

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CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने आईसीजी में महिलाओं के स्थाई कमीशन पर अटॉर्नी जनरल से रिपोर्ट मांगा है. (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें: जज थे अब लगा रहे हैं सुप्रीम कोर्ट से गुहार, ‘सैलरी थी ढाई लाख महीने की’ और अब 20 हजार में कैसे होगा गुजारा…

प्रियंका त्यागी की याचिका पर सोमवार से पहले हई सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि आप ‘नारी शक्ति’ की बात करते हैं. अब इसे यहां भी दिखाएं. कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि आप इस मामले में गहरे समुद्र में हैं और आपको एक ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो महिलाओं के साथ उचित व्यवहार करे. ऐसे में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और संभवतया सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला आ जाए.

Tags: Indian women, Justice DY Chandrachud, Permanent Commission, Supreme court of india



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