Home Health 4 आदतें छोटी आंत को अंदर ही अंदर सड़ा देगी, पेप्टिक अल्सर से कैंसर का भी खतरा! तत्काल जाएं डॉक्टर के पास

4 आदतें छोटी आंत को अंदर ही अंदर सड़ा देगी, पेप्टिक अल्सर से कैंसर का भी खतरा! तत्काल जाएं डॉक्टर के पास

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4 आदतें छोटी आंत को अंदर ही अंदर सड़ा देगी, पेप्टिक अल्सर से कैंसर का भी खतरा! तत्काल जाएं डॉक्टर के पास

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हाइलाइट्स

पेप्टिक अल्सर दो तरह के होते हैं. एक पेट के अंदर गैस्ट्रिक अल्सर दूसरा छोटी आंत के उपरी हिस्से में ड्यूडेनल अल्सर.
अल्कोहल पीने से आंत की लाइनिंग यानी आंत की सुरक्षा के लिए म्यूकस की जो लाइनिंग होती है उसमें क्षति होने लगती है.

Risk of Peptic Ulcer: हमारा जीवन भोजन पर टिका है. जब हम भोजन करते हैं तो यह छोटी आंत में पहुंचता है और यहीं भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों को छानकर निकाल लिया जाता है. लेकिन जब आंत में कुछ गड़बड़ियां हो जाए तो भोजन सही से नहीं पचता है और शरीर में कई बीमारियों की शुरुआत हो जाती है. आंत में अल्सर भी इन्हीं में से एक है. अल्सर का मतलब घाव होता है. यानी आंत में घाव हो जाना. पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरुनी लाइनिंग और छोटी आंत के उपरी हिस्से में होने वाला खुला घाव है. पेप्टिक अल्सर जब किसी को हो जाए तो पेट में बहुत तेज दर्द होता है. पेप्टिक अल्सर दो तरह के होते हैं. एक पेट के अंदर होता है जिसे गैस्ट्रिक अल्सर कहते हैं. दूसरा छोटी आंत के उपरी हिस्से में होता है जिसे ड्यूडेनल अल्सर कहते हैं.

पेप्टिक अल्सर जब शुरू-शुरू में होता है तब अधिकांश लोगों में इसका पता नहीं चलता है. जब घाव ज्यादा बढ़ जाता है तब पता चलता है और लोग इसके बाद ही डॉक्टर के पास जाते हैं लेकिन कई लक्षण ऐसे हैं जो पहले से संकेत देते हैं कि पेप्टिक अल्सर होने वाला है. ऐसे में लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर के पास जाने से इस बीमारी को शरीर में फैलने से रोका जा सकता है. बहुत दिनों तक नजरअंदाज करने से पेप्टिक अल्सर कैंसर में भी बदल सकता है.

पेप्टिक अल्सर के कारण
मायो क्लिनिक के मुताबिक आमतौर पर पेप्टिक अल्सर के लिए इंफेक्शन जिम्मेदार होता है. जब पेट में बैक्टीरियम हेलीबेक्टर पायलोरी नाम के बैक्टीरिया घुस जाए तो यह पेप्टक अल्सर को जन्म देते हैं. वहीं लंबे समय तक नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी दवाइयों जैसे कि आइब्यूप्रूवेन और नेप्रोक्सेन का इस्तेमाल भी आंत में घाव कर देता है. इसके अलावा आंत में घाव के लिए बहुत अधिक स्पाइसी फूड भी जिम्मेदार हो सकता है.

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इन गंदी आदतों की वजह से होता है अल्सर

1.स्मोकिंग-जो लोग स्मोकिंग करते हैं उसमें पेप्टिक अल्सर के लिए जिम्मेदार हेलीबेक्टर बैक्टीरिया के आंत में पनपने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए तुरंत सिगरेट छोड़ दें.

2. अल्कोहल-अल्कोहल पीने से आंत की लाइनिंग यानी आंत की सुरक्षा के लिए म्यूकस की जो लाइनिंग होती है उसमें क्षति होने लगती है. इसके साथ ही अल्कोहल पेट में एसिड का मात्रा को बढ़ा देता है जिससे बैक्टीरिया के पनपने का खतरा ज्यादा हो जाता है.

3.स्पाइसी फूड-बहुत अधिक स्पाइसी फूड खाने से भी आंत में घाव हो सकता है. इसलिए अगर स्पाइसी फूड खाने से परेशानी बढ़ जाती है तो इसे न खाएं.

4. दर्द की दवा-बहुत से लोग माइग्रेन, बदन दर्द आदि के लिए आइब्यूप्रूवेन जैसी नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी दवाइयां ले लेते हैं. इससे पेट में घाव हो सकता है.

5. तनाव-पेट या आंत में अल्सर होने का बहुत बड़ा कारण स्ट्रेस भी है. स्ट्रेस या तनाव के कारण केटाकोलामाइन स्ट्रेस हार्मोन ज्यादा निकलता है जो पेट की लाइनिंग को खरोंच देता है.

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