
हाइलाइट्स
आमतौर पर डॉक्टर जांच के बाद ही पता लगा पाएगा कि धड़कन किस वजह से तेज हो रही है.
हार्ट का उपरी हिस्सा बहुत तेज गति से धड़कने लगे तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए
Palpitations Triger Heart Disease: अधिकांश लोग किसी न किसी तरह से दिल की धड़कन का तेज होना जरूर महसूस करते हैं. चाहे वह धुकधुकी के रूप में हो, तेज घबराहट के रूप में हो या फिर सांसें अटकती हुई महसूस हो. हार्ट बीट तेज हो गया हो तब भी ऐसा महसूस होता है. इसमें घबराहट होने लगती है. कभी-कभी दिल की तेज धड़कनों का अनुभव छाती, गला और गर्दन तक होने लगता है. सामान्यतया दिल की धड़कन का तेज होना कोई गंभीर बात नहीं है. कुछ ही देर में धड़कन अपने पूर्व की स्थिति में आ जाती है. कई परिस्थितियों में दिल की धड़कन तेज हो जाता है लेकिन जब इसके साथ घबराहट और चक्कर भी आए तो इसे गंभीरता से लेनी चाहिए.
दरअसल, एंग्जाइटी अटैक से भी दिल की धड़कन तेज हो जाती है और हार्ट से संबंधित बीमारियों की स्थिति में दिल की धड़कन तेज हो जाती है. इन दोनों के बीच फर्क करना बहुत चुनौतीपूर्ण है. इसलिए जब भी घबराहट के साथ दिल की धड़कन तेज हो, डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए. यहां कुछ संकेत बताए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप दिल की तेज धड़कन के मायने को समझ सकेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर डॉ अतुल माथुर ने बताया कि अधिकांश बार धड़कनें तेज हो जाती है लेकिन इसका पता नहीं चलता. लेकिन जिस बार आपको होशोहवास में इसका पता चल जाए तो यह पेलपिटेशन या दिल की तेज धड़कन के संकेत हैं.
ये हैं दिल पर खतरे के संकेत
1.एट्रियल टेचिकार्डिया-अगर हार्ट में एट्रियल टेचिकार्डिया की स्थिति आ जाए तो हार्ट का उपरी हिस्सा बहुत तेज गति से धड़कने लगता है. इसमें छाती के उपरी भाग में तेज धड़कन महसूस होती है और घबराहट होने लगती है. इसमें धड़कन की धमक गला और गर्दन तक होती है. छाती में दर्द भी होने लगता है. सांस लेने में तकलीफ होती है. अगर इस तरह के लक्षण हैं तो समझिए यह तेज धड़कन मामूली नहीं है. इसमें धमनियों में खून का थक्का तक जम सकता है.
2. ज्यादा दिनों तक धड़कन का तेज होना-डॉक्टरों के मुताबिक अगर कभी-कभी दिल की धड़कन तेज हो जाए और फिर अपने आप सही हो जाए तो यह सामान्य सी बात लेकिन अगर लगातार तेज धड़कन और घबराहट है तो यह हार्ट डिजीज के लक्षण हो सकते हैं. इस स्थिति में डॉक्टरों से संपर्क करना जरूरी है. जांच के बाद पता चलेगा कि हार्ट के अंदर क्या चल रहा है.
3. छाती में दर्द-घबराहट के साथ तेज धड़कन और छाती में दर्द हो तो यह भी हार्ट डिजीज के लक्षण हो सकते हैं. इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
4. चक्कर आना-बार-बार धड़कन तेज हो रही है और बार-बार चक्कर भी आ रहा है तो समझिए कि दिल में कुछ न किछ दिक्कत जरूर है. इस स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.
तेज धड़कन से कैसे पाएं मुक्ति
आमतौर पर डॉक्टर जांच के बाद ही पता लगा पाएगा कि धड़कन किस वजह से तेज हो रही है. इसलिए डॉक्टर उचित दवा देकर खून में थक्का बनने की आशंका पर लगाम लगाएगा. अगर मामला गंभीर है तो डॉक्टर हार्ट में केथटर्स लगाएंगे जिससे हार्ट में खून का थक्का न बनें. इसलिए देरी न करें, कार्डियोलॉजिस्ट के पास जाएं.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 02, 2023, 15:52 IST