हाइलाइट्स
जिन लोगों को मेटाबोलिक सिंड्रोम था, उनमें से 19 प्रतिशत हेल्दी लोगों की तुलना समय से पहले मर गए.
ऐसे लोगों में कई बीमारियां लगने का जोखिम ज्यादा हो जाता है.
Weight Gain in 40-50 Increase Chances of Dying Early: 40 साल की उम्र वह उम्र होती है जब इंसान जवानी की खुमारी से बाहर आने लगता है और कइयों का परिवार बड़ा होने लगता है. शादी-शुदा होने के बाद इंसान लापरवाह तरीके से खाने-पीने लगता है और इसका खामियाजा शरीर पर अनावश्यक चर्बी के रूप में भुगतना पड़ता है. आपने अक्सर देखा होगा कि 40 साल के बाद ज्यादातर लोग अपने शरीर पर अतिरिक्त चर्बी का बोझ ढोने लगता है और पेट की चर्बी बाहर आने लगती है. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो अभी तुरंत संभलने का वक्त है क्योंकि एक लेटेस्ट स्टडी में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का वजन 40 से 50 के बीच ज्यादा हो जाता है, उन्हें कई बीमारियां लगने का जोखिम ज्यादा हो जाता है और इस कारण उनमें समय से पहले मौत का खतरा एक तिहाई बढ़ जाता है.
बीमारियों के लक्षण भी नहीं दिखते
डेलीमेल की खबर ने अध्ययन के हवाले से बताया है कि जिन लोगों में इस उम्र के आसपास अगर मोटापे के साथ-साथ आंशिक रूप से भी ब्लड फ्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो ऐसे लोगों के समय से पहले मौत की आशंका 30 प्रतिशत ज्यादा हो जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में ऐसी अनहेल्दी बीमारियों का होना अगले 30 साल की उम्र तक हमेशा हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरे को बना कर रखता है. चिंता की बात यह है कि 40 से 50 के बीच शरीर में इस तरह की बीमारियों के कोई लक्षण भी नहीं दिखता. इसलिए लोग टेंशन फ्री रहते हैं और उन्हें लगता है कि मोटा होने के बावजूद भी उन्हें कोई बीमारी नहीं है. लेकिन यह उनकी बहुत बड़ी भूल होती है क्योंकि उनके शरीर में बीमारियों का टाइम बम फिट हो चुका होता है जो निश्चित समय पर अपने काम को अंजाम देने के लिए तैयार बैठा रहता है.
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की आशंका कहीं ज्यादा
शोधकर्ताओं ने बिना लक्षण वाले लोगों की जब जांच की तो हैरतअंगेज परिणाम सामने आया. शोधकर्ताओं ने देखा कि जिन लोगों का वजन 40 के आसपास बढ़ा हुआ था, उनमें कुछ ही समय बाद हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे मेटाबोलिक सिंड्रोम के मामले एकदम बढ़े हुए थे. आगे जाकर इन लोगों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से मरने की आशंका कहीं ज्यादा थी. शोधकर्ताओं ने 40 से 50 साल की उम्र के 34 हजार लोगों के डाटा का विश्लेषण किया. इस विश्लेषण के आधार पर यह परिणाम सामने आया. दरअसल, 1990 से 1999 के बीच इनके स्वास्थ्य का आंकड़ा जुटाया गया था. इन लोगों की लंबाई, वजन, ब्लड प्रेशर, टोटल कोलेस्ट्रॉल, ब्लड ग्लूकोज और कमर तथा हिप्स की परिधि को मापा गया. इनसे लाइफस्टाइल से संबंधित कई सारे सवाल भी पूछे गए. इन लोगों के डाटा से जब हेल्दी लोगों के डाटा से तुलना की गई तो पाया गया कि जिन लोगों को मेटाबोलिक सिंड्रोम था, उनमें से 19 प्रतिशत हेल्दी लोगों की तुलना समय से पहले मर गए.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : August 29, 2023, 06:40 IST