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बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा के उल्लंघन में कम से कम छह लोग शामिल हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि वे एक-दूसरे को जानते थे और गुरुग्राम में एक घर में रह रहे थे। वे एक-दूसरे को चार साल से जानते थे, कुछ दिन पहले योजना बनाई और रेकी भी की। शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो आरोपी लोकसभा की दर्शक दीर्घा में गए और वहां से अचानक उस गैलरी में कूद गए जहां संसद सदस्य बैठे थे। उन्होंने नारे लगाए और एक कनस्तर चलाया जिससे पीली गैस निकल रही थी। इससे देश की संसद में गंभीर सुरक्षा चूक बताया जा रहा है।
इस बड़ी सुरक्षा चूक ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में कमियों को सामने ला दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सुरक्षा चूक के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा कक्ष में कूदने वाले दो आरोपियों मनोरंजन डी और सागर शर्मा के पास 45 मिनट की अवधि वाले आगंतुक (विजिटर) पास थे, लेकिन वे नियमों का उल्लंघन करते हुए करीब दो घंटे तक दर्शक दीर्घा में रहे।
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सूत्रों के अनुसार, संसद के सुरक्षा कर्मचारी आगंतुकों को उनके वहां रुकने की समयसीमा के पूरा होते ही बाहर निकाल देते थे, लेकिन नए भवन की दीर्घाओं में उनकी तैनाती लगभग ना के बराबर थी, क्योंकि वे बदलती सुरक्षा आवश्यकताओं के बीच विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि विशेष निदेशक (सुरक्षा) से लेकर सुरक्षा सहायक ग्रेड- द्वितीय तक के पदानुक्रम में सुरक्षा अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 301 है, जबकि कार्यरत 176 हैं और 125 पद रिक्त हैं।
सूत्रों ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि रिक्तियों का सबसे बड़ा हिस्सा शुरुआती स्तर के अधिकारियों का है, जो सुरक्षा तंत्र का महत्वपूर्ण अंग हैं। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा सहायक ग्रेड- द्वितीय में स्वीकृत 72 पदों के मुकाबले, मौजूदा संख्या नौ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायक ग्रेड- प्रथम के अधिकारियों की मौजूदा संख्या 24 है, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 69 है। सूत्रों ने दावा किया कि 10 साल से अधिक समय से कोई नई भर्ती नहीं हुई है। बिरला ने सभी दलों के सदस्यों को आश्वासन दिया कि 2001 के संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी पर हुई इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाएगी और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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