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Things You Should Never Say to Your Kids: बच्चों को अच्छी परवरिश देने के लिए पेरेंट्स को ना सिर्फ उनके खानपान बल्कि उनसे बात करते समय अपनी भाषा पर भी खास ध्यान देना पड़ता है। भाषा का बच्चे के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि कई बार जाने अनजाने कही गई कुछ बातें बच्चे के कोमल मन को आहत कर देती हैं। आइए जानते हैं पेरेंट कोच मायसा फाहौर से रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी 5 ऐसी बातें जो पेरेंट्स बिना सोचे समझें बच्चों से कह देते हैं और बाद में वो उनके लिए गैसलाइटिंग का काम करने लगती हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि बच्चे से सम्मानजनक संवाद करने के लिए जो हम कहते हैं पर से ज्यादा हम इसे कैसे कहते हैं पर कैसे ध्यान दिया जा सकता है।
1-यह सिर्फ एक मजाक था-
पेरेंट्स को यह समझना चाहिए कि बड़ों की तरह बच्चों को भी कुछ बातें बुरी लग सकती हैं। हो सकता है जो आपके लिए सामान्य बात हो वो आपके बच्चे की भावना को आहत कर जाए। ऐसी स्थिति में आपका सिर्फ यह कह देना कि यह सिर्फ एक मजाक था, काफी नहीं है। आप इसकी जगह अपने बच्चे से कह सकते हैं कि ‘मैं सिर्फ मजाक कर रहा था लेकिन मुझे अफसोस है कि मेरा मजाक गलत हो गया’।
2-आपको ऐसा महसूस नहीं करना चाहिए-
कई बार पेरेंट्स बच्चों को समझाते हुए कहते हैं कि आपको ऐसा महसूस नहीं करना चाहिए। लेकिन ऐसा करते हुए आपके बच्चे को यह महसूस हो सकता है कि आप उसके ऊपर अपनी सोच लाद रहे हैं। बच्चों को ऐसा कहने की जगह आप उससे कहें कि आप जैसा महसूस करते हैं वैसा महसूस करना ठीक है। लेकिन कोई भी सोच बनाने से पहले आओ बात करें कि असल में हुआ क्या है।
3-मैंने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा, आप कभी भी ठीक से नहीं सुनते-
आपके मुंह से ऐसी बातें सुनकर बच्चा चिढ़ सकता है। बच्चे को ऐसा कहने की जगह आप उससे कहें कि हो सकता कि मैंने खुद को अच्छी तरह तुम्हें समझाया नहीं होगा लेकिन मैं अब तुम्हें दोबारा यह समझा रहा हूं कि मेरा क्या मतलब है।
4-आप बहुत संवेदनशील हैं, इतना ड्रामेबाज मत बनो-
इमोशनल बच्चों को अपने माता-पिता के मुंह से इस तरह की बातें भीतर से कमजोर बना सकती हैं। आप इसकी जगह उनसे कह सकते हैं कि ‘मैंने सुना है कि आप परेशान हैं। क्या आप मुझे यह समझने में मदद कर सकते हैं कि यह आपको क्यों परेशान कर रहा है’।
5-अगर आपने अच्छी तरह बिहेव किया होता तो मुझे आपके ऊपर चिल्लाने की जरूरत न हीं पड़ती-
यह वाक्य ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चे से कहते हुए सुनाई देते हैं। बच्चों से कहना कि अगर आपने बेहतर व्यवहार किया होता तो मुझे चिल्लाना नहीं पड़ता, आपके बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर बना सकता है। ऐसे में बच्चे का कॉन्फिडेंस बनाए रखने के लिए उससे कहें कि ‘आज मैं आपसे परेशान हो गया लेकिन मुझे आपसे ऊंची आवाज में बात नहीं करनी चाहिए थी। मुझे इस बात का बहुत दुख है, आओ तुम्हारी समस्या जानने की कोशिश करते हैं’।