हाइलाइट्स
आंखों के नीचे स्किन कुछ उभर आता है. इससे पफीनेस की तरह दिखता है. इसे जेंथेप्लाज्मा पलपेब्रारम (एक्सपी) कहते हैं.
घटिया कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगे तो इसका जीभ में थोड़ा सा संकेत दिखता है.
High Cholesterol Symptoms: कोलेस्ट्रॉल चिपचिपा मोम की तरह होता है जिसमें फैट होता है. इसे यू समझिए कि यह एक तरह से लसलसा पदार्थ की तरह होता है. जब यह सीमित मात्रा में रहे तो कुछ ज्यादा परेशानी नहीं होती है क्योंकि इसे गुड कोलेस्ट्रॉल या हाई डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल हटाता रहता है लेकिन जब गुड कोलेस्ट्रॉल कम होता है तब बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है. हमारे लिए मुश्किल यह है कि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़कर खून के माध्यम से धमनियों में घुसने लगता है और कभी-कभी यही चिपकने लगता है. यह धीरे-धीरे इतना जमा होने लगता है कि बाद में खून के प्रवाह को रोक देता है.
चूंकि यह बहुत धीरे-धीरे धमनियों में चिपकता है इसलिए इसे खून के प्रवाह को रोकने में महीनों या सालों लग जाता है, इसलिए इसके लक्षण शुरू में उतना पता नहीं लगता है. लेकिन इसके बाद कुछ संकेत दिखते हैं जिससे यह समझ जाना चाहिए कि हार्ट के आसपास वाली धमनियों में कोलेस्ट्रॉल मंडराने लगा है. इसके लिए बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है. तो आइए जानते हैं कि हार्ट के पास कोलेस्ट्रॉल के चिपकने की आहट को किस तरह पहचानें.
कोलेस्ट्रॉल के चिपकने के संकेत
1. जीभ में संकेत-जब खून में या धमनियों में घटिया कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगे तो इसका जीभ में थोड़ा सा संकेत दिखता है. एचटी की खबर में कार्डिएक सर्जन डॉ. स्म्रूती हिंडारिया बताती हैं कि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से जीभ भी प्रभावित हो सकता है. इसमें जीभ में छोटे-छोटे चकत्ते निकल आते हैं जो धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं. बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर एक तरह से यह बालों की तरह दिखने लगता है. इसलिए यदि जीभ में इस तरह की परेशानी है तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं.
2. हाथ और पैरों में सुन्नापन- जब शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो इसका असर हाथ और पैर सुन्न होने लगता है. इसका कारण है कि बैड कोलेस्ट्रॉल खून के प्रवाह को कम कर देता है जिसके कारण हाथ और पैरों में खून की सप्लाई कम होने लगती है. इससे नसों का रंग भी बदलने लगता है सूजन भी हो सकती है. इससे काफी दर्द भी होता है. हाथ और पैर कमजोर भी होने लगते हैं.
3. स्किन में रैशेज –एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से नसों में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने होने लगती है. इसलिए स्किन पर रैशेज दिखने लगते हैं. यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है.
4. आंखों के नीचे पफीनेस-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरनाक संकेत आंखों के नीचे भी दिखता है. आंखों के नीचे स्किन कुछ उभर आता है. इससे पफीनेस की तरह दिखता है. इसे जेंथेप्लाज्मा पलपेब्रारम (एक्सपी) कहते हैं. इसमें आईलीड में फैट जमा होने लगता है जो पीला दिखता है. कुछ लोग गलती से इसे आंखों की खराबी या स्किन की खराबी मान लेते हैं लेकिन यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत है. इससे आंखों की रोशनी में भी कमजोरी आने लगती है.
5. नाखूनों का मटमैला होना- बैड कोलेस्ट्रॉल के कारण नाखूनों का रंग मटमैला होने लगता है. यहां तक ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होने पर नाखून बीच वाले हिस्से से बंटने लगते हैं या फटने लगते हैं. इसके कारण नाखून में डार्क लाइन बनने लगती है. वहीं नाखूनों पतले और रंग में भूरे होने लगते हैं.
इस तरह घटाएं कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल न बढ़े, इसके लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज जरूरी है. अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है तो भी इसे हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से कम किया जा सकता है. इसके लिए सिगरेट, शराब, प्रोसेस्ड फूड, पिज्जा बर्गर, पैकेटबंद चीजें आदि का सेवन एकदम सीमित कर दें. सीजनल हरी सब्जी, साबुत अनाज आदि का सेवन बढ़ा दें. नियमित एक्सरसाइज से गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाया जा सकता है. तली-भुनी चीजों, स्मोक और शराब से परहेज करके भी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाया जा सकता है. गुड कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है. अगर कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा हो गया है तो डॉक्टर कुछ दवाइयों के माध्यम से भी इसे बढ़ाने की सलाह देते है.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 19:24 IST