Home Health 5 संकेत बताते हैं डेंजरल लेवल पर आ गया प्रोटीन, अचानक हो सकते हैं बेहोश, 4 बीमारियों का भी खतरा

5 संकेत बताते हैं डेंजरल लेवल पर आ गया प्रोटीन, अचानक हो सकते हैं बेहोश, 4 बीमारियों का भी खतरा

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हाइलाइट्स

प्रोटीन की कमी का इलाज न कराया जाए या डाइट में सुधार न किया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है.
अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न जाएं तो मसल्स कमजोर होने लगते हैं.

Sign and Symptoms of Protein Deficiency: प्रोटीन के बिना शरीर बन ही नहीं सकता. शरीर का लगभग हर अंगों प्रोटीन से बना रहता है. मसल्स, बोन, स्किन, बाल समेत हर तरह की कोशकाओं में प्रोटीन रहता है. प्रोटीन ही हीमोग्लोबिन बनाता है जो शरीर के अंग-अंग में ऑक्सीजन को पहुंचाता है. प्रोटीन के कारण शरीर में कई जरूरी केमिकल रिएक्शन होता है. इसके अलावा भी प्रोटीन से कई एंजाइम और हार्मोन बनते हैं. जीवन को चलाने के लिए 10 हजार तरह के प्रोटीन शरीर में मौजूद होते हैं. इतना महत्वपूर्ण होने के कारण प्रोटीन की कमी शरीर में कितना भारी पड़ सकता है, यह समझा जा सकता है. हर दिन हमें 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है. अगर प्रोटीन की कमी हो जाए तो हमारे शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती है और हम कुपोषण के शिकार हो जाते हैं.

हर दिन हमें अपने भोजन में कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन लेना चाहिए. लेकिन भारत में लोग प्रोटीन का सेवन बहुत कम करते हैं. यही कारण है कि यहां अधिकांश लोगों को प्रोटीन की कमी रहती है. प्रोटीन की कमी से कुपोषण की गंभीर बीमारी क्वाशियोरकर हो सकती है और इस वजह से इंसान बार-बार बेहोश हो सकता है.

प्रोटीन की कमी से बीमारियां
प्रोटीन की कमी का इलाज न कराया जाए या डाइट में सुधार न किया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है. प्रोटीन की कमी से कई बीमारियां होती है. प्रोटीन की कमी से क्वाशियोरकर, मरास्मस, मेंटल हेल्थ से संबंधित बीमारियां, एडेमा आदि बीमारियां लग सकती है.

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प्रोटीन की कमी के लक्षण

1.सूजन-वेबएमडी की खबर के मुताबिक अगर प्रोटीन की कमी डेंजरल लेवल पर पहुंच जाए तो पेट, पैर, पंजे या हाथों में सूजन होने लगती है. इस बीमारी को इडेमा कहते हैं. प्रोटीन ही शरीर में खून को सर्कुलेट करता रहता है. जब प्रोटीन की कमी हो जाए तो खून के बदले अन्य तरल पदार्थ वहां तक पहुंचता है. यही कारण है कि वहां सूजन होने लगती है.

2. मूड में बदलाव-हमारा दिमाग न्यूरोट्रांसमीटर केमिकल का इस्तेमाल कर सूचना को कोशिकाओं तक पहुंचाता है. न्यूरोमीटर एमिनो एसिड से बनता है जो प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक है. इसलिए जब प्रोटीन की कमी होगी तो न्यूरोमीटर सही से काम नहीं करेगा और दिमाग से सूचना का प्रसार नहीं होगा. इस कारण मूड में बदलाव हो जाएगा, चिड़चिड़ापन आ जाएगा. इस कारण दिमाग में डोपामाइन और सेरोटोनिन हार्मोन भी कम बनेगा.

3.हेयर, नेल और स्किन प्रोब्लम-चाहे बाल हो या नाखून या फिर स्किन ये सब इलास्टिन, कोलेजन और कीररेटिन से बनते हैं. ये तीनों चीजें प्रोटीन ही है. यानी अगर प्रोटीन की कमी हो जाए बाल पतले हो जाएंगे और गिरने लगेंगे. नाखून टूटने लगेंगे और बीच से फटने लगेंगे. वहीं स्किन डल, ड्राई और पीला होने लगेंगी.

4. कमजोरी और थकान-अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न जाएं तो मसल्स कमजोर होने लगते हैं. इस कारण शरीर को बैलेंस बनाने में दिक्कत होती है. बुजुर्गो में अगर प्रोटीन की कमी हो जाए तो चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है. प्रोटीन की कमी के कारण मेटाबोलिज्म भी स्लो हो जाता है. इससे एनीमिया हो सकता है. यानी शरीर को कम ऑक्सीजन मिलती है. इन सब कारणों से शरीर में भारी थकान और कमजोरी महसूस होती है.

5. घाव जल्दी नहीं भरना-कुछ लोगों में कहीं कट-फट जाए तो इसे भरने में बहुत समय लगता है. यानी अगर आसानी से कोई घाव नहीं भरता तो समझिए प्रोटीन की कमी डेंजरल लेवल पर पहुंच गया है. प्रोटीन की कमी के कारण कोलेजन सही से नहीं बनता. कोलेजन स्किन के कनेक्टिव टिशू में पाया जाता है जिसके कारण ब्लड क्लॉट होने में दिक्कत होती है.

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