निखिल स्वामी/बीकानेर. आम तौर पर महिलाएं घुटने के दर्द से ज्यादा पीड़ित रहती हैं. राजस्थान के बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में नई तकनीक से घुटने का ऑपरेशन होता है. इससे मरीज ऑपरेशन के अगले दिन ही चलने-फिरने लगता है. ट्रॉमा सेंटर प्रभारी एवं अस्थिरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीएल खजोटिया ने बताया कि यहां 53 वर्षीय एक महिला रोगी आईं, जो पिछले 5 वर्ष से घुटने के दर्द से पीड़ित थी. कई जगह इलाज करवाने के बावजूद उन्हें कोई फायदा नही मिला. घुटने के दर्द से परेशान रोगी ने पीबीएम अस्पताल में दिखाया जहां आवश्यक जांच के बाद घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी गई.
डॉ. खजोटिया ने बताया कि सामान्यत: घुटना प्रत्यारोपण ऑपरेशन में ‘टोरनी कवेट’ पद्धति से रबर या हवा के प्रेशर से खून की नाड़ियों (नस) को ब्लॉक किया जाता है. इसमें गंदा खून निकालने की नलकी लगाई जाती है जिसमें नाड़ियों में खून जमने का खतरा रहता है. उन्होंने बताया कि इस बार नई तकनीक से रोगी का ऑपरेशन किया गया जिसमें खून का दौरा बंद किए बिना घुटना प्रत्यारोपण किया गया. इसमें गंदा खून निकालने और नाड़ी ब्लॉकेज का खतरा नहीं रहा.
उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन से रोगी को तेजी से स्वास्थ्य लाभ मिला और वो अगले ही दिन चलने लगी. डॉ. खजोटिया ने बताया कि नियमित फिजियोथेरेपी के बाद रोगी का घुटना 120 डिग्री तक काम करने लगेगा. उन्होंने कहा कि घुटना प्रत्यारोपण के लिए संभाग स्तरीय पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में सुविधाएं नियमानुसार सभी के लिए उपलब्ध है.
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अभी तक 50 सफल ऑपरेशन हुए
बता दें कि, पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50वां सफल ऑपरेशन किया गया है. यहां सोमवार को किये गये ऑपरेशन के अगले दिन यानी मंगलवार को रोगी चलने-फिरने लगा.
यह ऑपरेशन राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत किया गया है. इस ऑपरेशन में अस्थि रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीएल खजोटिया के साथ डॉ. संजय तंवर, रेजिडेंट डॉ. श्याम, एनेस्थिशिया की डॉ. नेहा, डॉ. पीरू सिंह, नर्सिंग अफसर मंगाराम ने सेवाएं दी.
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FIRST PUBLISHED : June 07, 2023, 09:36 IST