नई दिल्ली. संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी अपने साथ सात स्मोक कैन लेकर संसद भवन के बाहर तक पहुंचे थे, जिसमें से एक आरोपी एक कैन लेकर संसद के अंदर तक घुस गया. सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों का मकसद 7 स्मोक कैन के जरिये बड़ा संदेश देना और किसी तरह से अपने प्लान में सफल होना था.
सूत्रों की मानें, तो आरोपियों ने एक-दो नहीं, बल्कि तीन से ज्यादा प्लान तैयार किये थे, जिसमें एक प्लान था संसद के बाहर प्रदर्शन करने का. लेकिन खुद को घटना का मास्टरमाइंड बताने वाले ललित मोहन झा ने अपने साथी आरोपियों से कहा था कि इससे मीडिया और देश में बड़ा संदेश नहीं जाएगा, इसीलिए संसद के अंदर घुसपैठ करना चाहिए.
इतना ही नहीं, आरोपियों ने गूगल सर्च से बहुत सारी चीजें सीखी थीं, जिसमें संसद की सुरक्षा के पुराने वीडियो, कैसे सुरक्षित चैट्स की जाती हैं… ये सब शामिल थे. यही वजह है कि सभी आरोपी सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जाएं. अब तक की जांच में ललित ही खुद को पूरी घटना का मास्टरमाइंड बता रहा है.
सूत्रों ने बताया कि आरोपियों का सबसे बड़ा मकसद मीडिया में अपना प्रभाव साबित करना था और इसलिए उन्होंने सत्र के दौरान ही संसद में घुसने की योजना तैयार की. हालांकि, पहले उनका प्लान केवल संसद के बाहर प्रदर्शन करने का था. जांच एजेंसी के अनुसार ये सभी सेल्फ रेडिक्लाइज लग रहे हैं और इनके सोशल मीडिया पेज से यह भी जानकारी मिली है कि उनलोगों ने अब तक काफी युवाओं का ब्रेन वॉश किया है. इतना ही नहीं, ये आरोपी देश के कई युवाओं को आकर्षित कर अपने साथ जोड़ भी चुके थे.
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त हुई, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को सांसदों ने पकड़ लिया. मनोरंजन डी और सागर शर्मा नाम के ये युवक लोकसभा में जिन पर्चों को लेकर आए थे, उनमें तिरंगे की पृष्ठभूमि में मुट्ठी की तस्वीर थी और मणिपुर की हिंसा पर हिंदी और अंग्रेजी में एक-एक नारा लिखा था.
लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए. पुलिस ने चारों के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए हैं. प्राथमिकी के अनुसार, संसद भवन के अंदर और बाहर खोली गई धुएं की केन पर चेतावनी और निर्देश लिखे थे कि ‘खोलते समय चश्मे और दस्तानों का इस्तेमाल किया जाए.’
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2023, 23:35 IST