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Shashi Tharoor In America: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के पक्ष से दुनिया को अवगत कराने की मुहिम पर निकले सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडन के नेता शशि थरूर ने कहा कि इस वक्त आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की जररूत है. न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका की तरह आतंकवादी हमलों के सामने चुप नहीं रहेगा. थरूर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में अमेरिका पहुंचे हैं. उन्होंने आतंकवाद को एक वैश्विक समस्या बताते हुए सभी देशों से इसके खिलाफ एक साथ मिलकर लड़ने की अपील की.
थरूर ने 9/11 के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह मेमोरियल हमें याद दिलाता है कि भारत भी आतंकवाद का शिकार रहा है. उन्होंने कहा कि हम भारत में भी वही घाव झेल चुके हैं जिनके निशान आज इस मेमोरियल में दिख रहे हैं. हम एकजुटता के साथ आए हैं और एक मिशन पर हैं. थरूर का यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के बाद गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया भी जाएगा.
बुरी ताकतों का मुकाबल
उन्होंने कहा, “हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़ा होना कितना जरूरी है. जैसे अमेरिका ने 9/11 के बाद मजबूती दिखाई, वैसे ही भारत ने भी 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद बुरी ताकतों का डटकर मुकाबला किया.” थरूर ने चेतावनी दी कि हमले करने वालों और उन्हें समर्थन देने वालों को सबक सिखाया जाएगा. भारत भविष्य में ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा.
थरूर ने कहा कि हमें दुनिया को बताना है कि यह उदासीनता का समय नहीं है, बल्कि एकजुटता और ताकत का समय है. हमें उन मूल्यों के लिए खड़ा होना है जो अमेरिका हमेशा से संजोता रहा है. ये मूल्य हैं- लोकतंत्र, मानव स्वतंत्रता, विविधता और अलग-अलग समुदायों का सह-अस्तित्व. लेकिन दुख की बात है कि हमला करने वालों के एजेंडे में ये मूल्य शामिल नहीं हैं.”
कांसुलेट में क्या बोले थरूर?
9/11 मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देने के बाद थरूर ने न्यूयॉर्क में कांग्रेस कांसुलेट में एक बातचीत के दौरान कहा कि हम यहां यह याद दिलाने आए हैं कि यह एक साझा समस्या है. हम उन पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने आए हैं, जिनमें भारतीय भी शामिल थे. यह एक वैश्विक समस्या है. हमें मिलकर इसका मुकाबला करना होगा.
उन्होंने बताया कि भारत बार-बार आतंकवाद का शिकार हुआ है. थरूर ने कहा कि आतंकवाद के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. हम इस हालिया हमले के अपराधियों को पकड़ने की कोशिश बंद नहीं करेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह सोचना होगा कि ये आतंकवादी कहां से आते हैं. उनके सुरक्षित ठिकाने कहां हैं, उन्हें ट्रेनिंग, हथियार, पैसे और निर्देश कौन देता है. इन सबको भी जवाबदेह ठहराना होगा.
थरूर ने खुलेआम पाकिस्तान का नाम लिया
थरूर ने पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि उसने आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दस्तावेज दिए, शिकायतें कीं, सब कुछ किया. लेकिन पाकिस्तान इनकार करता रहा. वहां न तो किसी को सजा हुई न ही आतंकी ढांचे तोड़े गए. उनके सुरक्षित ठिकाने आज भी मौजूद हैं. थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि हमने दिखा दिया कि हम सटीक कार्रवाई कर सकते हैं.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हाल के हमले का भी जिक्र किया. थरूर ने कहा, “कुछ लोगों ने वहां शांति प्रक्रिया को तोड़ने की कोशिश की. उनका मकसद कश्मीर के लोगों की तरक्की को रोकना और धार्मिक आधार पर नफरत फैलाना था. हमलावरों ने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें मारा, ताकि देश के बाकी हिस्सों में गुस्सा भड़के. ज्यादातर पीड़ित हिंदू थे. यह हमला एक खतरनाक मंशा को दिखाता है, और हमें कोई शक नहीं कि यह कहां से आया.”
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