Home National ‘न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर’, सुप्रीम कोर्ट के सामने छलका महिला रेसलर्स का दर्द

‘न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर’, सुप्रीम कोर्ट के सामने छलका महिला रेसलर्स का दर्द

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‘न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर’, सुप्रीम कोर्ट के सामने छलका महिला रेसलर्स का दर्द

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नई दिल्ली. रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष  बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों ने एक पिटीशन दायर की. याचिका में रेसलर्स ने कहा है कि उन्हें न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर किया जा रहा है. अपनी याचिका में पहलवानों ने कहा कि शिकायतकर्ताओं के प्रति पुलिस का रवैया काफी चौंकाने वाला था. यह घोर अन्याय है. यह उनक बुनियादी मानव अधिकारों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है.

याचिका में पहलवानों ने कहा है कि पुलिस ने शिकायत तो ले ली है, लेकिन शिकायत की औपचारिक रसीद उन्हें नहीं दी गई है. रेसलर्स ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रिंट मीडिया के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि आरोपी को इस मामले में क्लीन चीट दे दी गई है. जांच समिति की रिपोर्ट खेल मंत्रालय में पड़ी है. हमारे अनुरोध के बावजूद रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.

रेसलर्स ने लगाए कई आरोप
पहलवानों का यह भी कहना है कि आरोपी और उसके सहयोगियों द्वारा कई मौकों पर यौन, भावनात्मक, मानसिक और शारीरक शोषण किए जाने के बावजूद याचिकाकर्ताओं ने दूसरे पहलवानों के साथ इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत जुटाई है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए है. बता दें कि रेसलर्स के आरोपों के बाद खेल मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए 23 जनवरी 2023 को निगरानी समिति गठित करने का फैसला किया था. इस निगरानी समिति ने पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए थे. पहलवानों ने अपनी याचिका में कहा है कि दुख होता है कि समिति के गठन के बाद भी इस गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

ये भी पढ़ें:  महिला पहलवानों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, दिल्ली पुलिस से शुक्रवार तक मांगा जवाब

रेसलर्स ने अपने पिटीशन में कहा है कि याचिकाकर्ता देश की वो महिला पहलवान है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहतन और समर्पण के जरिए देश को गौरन दिलाया और अपनी जीवन समर्पित कर दिया. लेकिन अफसोस इन महिला ओलिंपियनों के ऐसे व्यक्तियों द्वारा शोषण का शिकार होना पड़ा रहा है जो उनकी कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं. पहलवानों में अपनी याचिका में कहा कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है. न्याय से बचने के लिए वह कानून की प्रकिया का गलत इस्तेमाल कर रहा है. इधर, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पहलवानों की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है. अब शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी.

Tags: Sakshi Malik, Supreme Court, Vinesh phogat

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