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उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में विपक्ष के एक होने का सपना चूर-चूर होता नज़र आया। मतदान के दौरान संपूर्ण विपक्ष न केवल बिखरा सा गया बल्कि रणनीतिक रूप से पिछड़ता दिखा। मिशन 2024 यानी अगले लोकसभा चुनाव के लिए यूपी से बिहार तक विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने और भाजपा के खिलाफ बड़ा मोर्चा बनाने की कवायद चल रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लेकर पिछले दिनों ममता बनर्जी की बातों का समर्थन करते हुए एक फार्मूला भी दिया था। विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम यूपी में ही औधे मुंह गिरती दिखाई दे रही है।
यूपी एमएलसी चुनाव में ही भाजपा के सामने विपक्ष बिखर गया है। भाजपा-सपा की सीधी लड़ाई में बसपा के साथ ही कांग्रेस ने भी वोटिंग से दूरी बना ली। सुभासपा ने वोट दिया लेकिन ओमप्रकाश राजभर की बातों से साफ लग रहा है कि उनके विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है।
सोमवार को हुए मतदान में कुल 396 विधायकों ने वोट डाला। सपा के पाले से कुछ विधायकों के क्रास वोटिंग की संभावना भी है। सुभासपा के विधायकों में भी बिखराव से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उसमें तीन तो सपा की पृष्ठभूमि से हैं। मतगणना के नतीजे देर रात तक आएंगे। फिलहाल, इस चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा पूरी तरह से भारी दिख रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह नौ बजे ही मतदान कर दिया और बाद में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी मतदान करने पहुंचे। विधानभवन के तिलक हाल में मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ और तीन बजे तक 396 वोट पड़ चुके थे। सपा के दो विधायक इरफान सोलंकी व रमाकांत यादव जेल में होने के कारण वोट नहीं दे सके जबकि सुभासपा के एक विधायक अब्बास अंसारी भी जेल में बंद होने कारण वोट देने नहीं आ सके। सपा के मनोज पारस की तबियत खराब होने के कारण मतदान नहीं कर सके। हालांकि अपना दल सोनेलाल व सपा के एक विधायक को व्हील चेयर पर बैठाकर मतदान के लिए लाया गया।
ब्रजेश पाठक के साथ वोट डालने आए ओम प्रकाश राजभर
विपक्षी दलों में कांग्रेस के दो व बसपा के एक विधायक ने सत्तारुढ़ भाजपा व मुख्य विपक्षी दल सपा से समान दूरी बनाते हुए चुनाव से गैरहाजिर होना जरूरी समझा। जबकि विपक्षी खेमे में शामिल सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर सत्तारुढ़ भाजपा के साथ खड़े दिखाई दिए। माना जा रहा है कि उनकी पार्टी के विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया है। ओम प्रकाश राजभर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के साथ वोट देने आए।
ओम प्रकाश राजभर ने वोट डालने के बाद कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। कहा कि ये गुप्त मतदान है। बृजेश पाठक और ओम प्रकाश राजभर मतदान करने के बाद हाथ मिलाते हुए एक साथ बाहर निकले। सपा के जाहिद बेग साइकिल से वोट देने आए। भाजपा के शाशांक त्रिवेदी मोटरसाइकिल चला कर वोट देने आए।
इससे पहले तिलकहाल में मतदान के लिए दो मतपेटियां रखी गई थीं। उन दोनों रिक्त सीटों के लिए दो अलग-अलग मतदान बूथ बनाए गए थे। दोपहर 11 बजे तक 287 वोट पड़े और दो घंटे में 9 और विधायक वोट डालने आए। इस चुनाव में भाजपा ने पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को व सपा ने राम करन निर्मल और रामजतन राजभर को चुनाव लड़ाया है।
सपा प्रत्याशियों ने तो विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों के घर जाकर वोट मांगे थे। प्रत्याशियों ने सामाजिक न्याय की दुहाई देकर वोट मांगा। दोनों प्रत्याशियों ने दावा किया था कि सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने आरक्षण बचाने के लिए उन्हें वोट देने का भरोसा दिया है। इससे पहले सोमवार को सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव ने सुबह आठ बजे सपा विधायकों की बैठक बुलाई और इसमें मतदान करने के नियमों व अन्य रणनीति के बारे में बताया गया। वहीं से सभी विधायक एक साथ विधानभवन पहुंचे।