हाइलाइट्स
विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक.
करियर में तरक्की के लिए गणेश जी को हल्दी की 5 गांठें अर्पित करें.
आज 22 जून गुरुवार को आषाढ़ की विनायक चतुर्थी है. यह व्रत रवि योग और भद्रा में है. भद्रा सुबह से शाम तक है. इसका वास पृथ्वी पर है. आज व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, वे अपने भक्तों के दुखों और संकटों को दूर कर देते हैं. आज पूजा के समय विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ और गणेश जी की आरती करें. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त, भद्रा काल, रवि योग और विनायक चतुर्थी के उपायों के बारे में.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 मुहूर्त
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का शुभारंभ: 21 जून, बुधवार, दोपहर 03 बजकर 09 मिनट से
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन: आज, 22 जून, गुरुवार, शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक
यह भी पढ़ें: विनायक चतुर्थी पर काम आएगा यह उपाय, गणेश स्तोत्र से दूर होगा हर संकट, जीवन में मिलेगी सुख-समृद्धि
रवि योग में है विनायक चतुर्थी, लेकिन भद्रा भी
आज विनायक चतुर्थी पर रवि योग बना है. रवि योग शाम में 06:01 बजे से बन रहा है और यह कल सुबह 04:18 बजे तक रहेगा. हालांकि विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया है. आज भद्रा सुबह से लेकर शाम तक है. भद्रा का प्रारंभ सुबह 05:24 बजे से लेकर शाम 05:27 बजे तक है.
आज न करें चंद्रमा का दर्शन
आज चंद्रमा का उदय सुबह 08:46 बजे होगा. विनायक चतुर्थी व्रत में चंद्रमा का दर्शन वर्जित माना जाता है क्योंकि इससे कलंक लगता है.
यह भी पढ़ें: कब है गुरु पूर्णिमा? इस तिथि का वेद व्यास और गौतम बुद्ध से क्या संबंध? जानें मुहूर्त और महत्व
विनायक चतुर्थी व्रत और पूजा विधि
आज सुबह में संकल्प करके विनायक चतुर्थी का व्रत रखें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में गणेश जी को एक चौकी पर स्थापित करें. जल से अभिषेक करने के बाद वस्त्र, चंदन, फूल, माला, यज्ञोपवीत आदि से सुशोभित करें. फिर अक्षत्, सिंदूर, धूप, दीप, नैवेद्य, दूर्वा आदि से विधिपूर्वक पूजन करें. मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. विनायक चतुर्थी व्रत कथा पढ़ें. घी के दीप से आरती करें. दिनभर फलाहार पर रहें, उसके बाद शाम को संध्या आरती करें. रात्रि में जागरण करें. अगली सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें.
विनायक चतुर्थी के उपाय
1. करियर में तरक्की चाहिए तो विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को हल्दी की 5 गांठें अर्पित करें. इससे काम में सफलता मिलेगी.
2. यदि संकटों को दूर करना है तो विनायक चतुर्थी पर गुड़ के 21 लड्डू गणपति महाराज को अर्पित करें.
3. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय ओम गं गणपतये नमो नम: मंत्र की 5 या 11 माला जाप करें. इसमें गणेश जी का बीज मंत्र गं शमिल है.
.
Tags: Dharma Aastha, Lord ganapati
FIRST PUBLISHED : June 22, 2023, 06:47 IST