सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का बड़ा महत्त्व है. कई बार कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह दोष बन जाते हैं जिसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में हमेशा मुश्किलें बनी रहती हैं. घर में किसी न किसी का बीमार रहना, मान-सम्मान में हानि, मेहनत करने के बाद भी असफल होना- ये सब लक्षण ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में सूर्य ग्रह के कमजोर होने का संकेत देते हैं. ये हालात इस तरफ इशारा करते हैं कि आपकी कुंडली में कहीं पितृदोष है. ये बातें अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने कहीं.
पंडित कल्कि राम ने कहा कि कुंडली में ग्रहों की स्थिति गलत होने की वजह से पितृदोष होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली में तीन ग्रह की वजह से पितृदोष बनता है. इतना ही नहीं, पितृदोष एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक भी पहुंच जाता है और स्वास्थ्य व पारिवारिक समस्याएं पैदा करता है.
पितृदोष की पहचान
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सूर्य ग्रह को पिता का ग्रह माना जाता है. कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर या पीड़ित होने की वजह से पितृदोष के संकेत मिलते हैं. अगर कुंडली में सूर्य कमजोर है तो व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह की मुश्किलें पैदा होती हैं. दूसरी तरफ, कुंडली में चंद्रमा ग्रह को मां का ग्रह माना जाता है. कुंडली में चंद्रमा ग्रह के कमजोर होने से भी पितृदोष लगता है. दूसरी तरफ राहु ग्रह अगर कुंडली में 9वें स्थान पर स्थित है तो यह पितृदोष का संकेत देता है. ऐसी स्थिति में जब व्यक्ति कोई नया कार्य शुरू करता है तो उसे असफलता का सामना करना पड़ता है.
ऐसे दूर करें पितृदोष
अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो फिर आपको सफेद चीज का दान करना चाहिए. इसके अलावा सूर्य और चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. इतना ही नहीं, आपको प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना विधि विधान से करनी चाहिए. विष्णु सहस्त्रनाम का जप करना चाहिए. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, गायत्री मंत्र, गायत्री सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषी के मुताबिक है, लोकल18 इसकी पुष्टि नहीं करता.)
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FIRST PUBLISHED : July 01, 2023, 07:27 IST