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हाल के दिनों में चीन सहित कई अन्य देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। चीन में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। साल 2019 के अंत में चीन में ही कोरोना का पहला मामला दर्ज किया गया था। तीन साल बाद भी चीन में हालात काबू में नहीं हैं। ऐसे में भारत सरकार भी सतर्क नजर आ रही है। वहीं, विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि चीन से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तुरंत बंद कर दिया जाए।
विपक्ष की मांग मांग के बीच, सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन से आने-जाने वाली उड़ानों पर पाबंदी लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारे यहां चीन से भारत या भारत से चीन के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है। लेकिन अभी तक, चीन के रास्ते भारत आने वाली कनेक्टिंग फ्लाइट को रोकने के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। अगर इस संबंध में अंतिम निर्णय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा लिया जाता है तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) आदेश का पालन करेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश में कोविड-19 की स्थिति और इससे संबंधित पहलुओं की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। पिछले छह महीनों में, भारत ने ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF.7 के चार मामलों की सूचना दी है। यह वही सब-वैरिएंट है जो इन दिनों चीन में तबाही मचा रहा है। मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, देश में फिलहाल कोविड-19 के 10 अलग-अलग वेरिएंट हैं, जिनमें लेटेस्ट BF.7 है।
इससे पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया था, “चीन में गंभीर COVID-19 स्थिति को देखते हुए, सरकार को तुरंत चीन से आने और जाने वाली सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में वृद्धि के साथ-साथ एक नए घातक वैरिएंट के उभरने की संभावना को देखते हुए, भारत को COVID-19 दिशानिर्देशों को फिर से बहाल करने के बारे में सोचना चाहिए।”
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