Monday, December 16, 2024
Google search engine
HomeWorldयुद्ध से योग की ओर! कैसे ऋषिकेश की वजह से बदल रही...

युद्ध से योग की ओर! कैसे ऋषिकेश की वजह से बदल रही है सीरिया की तकदीर, वरदान बनी भगवान शिव की कला, जानिए


दमिश्‍क: सीरिया, दुनिया का वह देश जो पिछले 12 सालों से गृहयुद्ध झेल रहा है। इस युद्ध ने यहां के लोगों का सबकुछ छीन लिया है। उन्‍हें आर्थिक और शारीरिक कष्‍ट तो हुआ ही साथ ही साथ जो मानसिक कष्‍ट हुआ, उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस मुश्किल समय में इन तमाम लोगों का सहारा बना है योग। ब्रिटिश मैगजीन इकोनॉमिस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे सीरिया में जंगलों, खेल के मैदानों और स्टेडियमों में, बच्चे और वयस्क नियमित तौर पर योग कर रहे हैं। उनकी हथेलियां प्रार्थना के लिए जुड़ती है और भुजाएं पीछे की ओर झुकती हैं, वे ‘सूर्य नमस्कार’ का जाप करते हैं। इकोनॉमिस्‍ट की मानें तो यह सीरिया के लिए अरबी में आशीर्वाद है, लेकिन संस्कृत में यह ‘सूर्य नमस्कार’ है।

साधुओं की वेशभूषा में ट्रेनर
सीरिया में हिंदू साधुओं की वेशभूषा में ट्रे‍नर योगा का प्रचार करते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी शुरुआत भगवान शिव ने की थी। एक सीरियाई शिक्षक ने बताया कि ऐसा करके वो वास्तविक और आर्थिक युद्धों के तनाव से यहां लोगों को राहत देने का काम कर रहे हैं। सीरिया से दो दशक पहले माजेन ईसा नामक एक व्यक्ति योग अध्ययन के लिए हिमालय की गोद में बसे शहर ऋषिकेश से लौटा था। अपने देश सीरिया वापस लौटकर उसने एक योग सेंटर खोला। अब देश भर में करोड़ों ध्यान केंद्र फ्री में चल रहे हैं। सीरिया के राष्‍ट्रपति बशर अल-असद भी उनके बड़े समर्थक हैं और यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा राज है।
भारत और चीन के बीच अगर हो गई दोस्‍ती तो क्‍या होगा? विशेषज्ञ बोले-परेशान हो जाएगा अमेरिका
क्‍या है असद की रणनीति
सीरिया में आधी सदी से ज्‍यादा समय से असद के परिवार ने देश के सुन्नी मुस्लिम आबादी वाले देश पर शासन किया है। अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए असद ने सीरिया के असंख्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ शिया इस्लाम की एक शाखा अलावित संप्रदाय के साथ गठबंधन भी किया। लेकिन हाल ही में उन्होंने बाकी संप्रदायों को अपनी जड़ें जमाने में काफी मदद की है। योग को प्रोत्साहित करने के अलावा असद ने इंजील ईसाइयों को घरों में चर्च खोलने की मंजूरी दी। यहां पर परिवर्तित मुसलमान पूजा कर सकते हैं। उन्होंने सीरियाई मूल के यहूदियों को राजधानी दमिश्क का दौरा करने के लिए भी प्रोत्साहन दिया। सीरिया के ईसाई और उनके दोस्‍त रहे अयमान अब्‍देलनूर मानते हैं कि असद को उम्मीद है कि ऐसा करके उनके शासन का अल्पसंख्यक आधार बढ़ेगा और दुनिया भर में अछूत के रूप में उनकी स्थिति खत्म हो जाएगी।
पाकिस्‍तान के कराची में दुनिया का सबसे महंगा आटा! ए‍क किलो 320 रुपए का तो 20 किलो 3200 का
योग के लिए दे दिए फुटबॉल मैदान
इकोनॉमिस्‍ट ने लिखा है कि सीरिया के कई लोगों के लिए नए धर्म गृहयुद्ध से तबाह हुए देश में सांप्रदायिक राहत देने वाले माने जा रहे हैं। माना जाता है कि इस युद्ध में साढ़े तीन लाख से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई हे। साल 2012 में 22 मिलियन से ज्‍यादा की आबादी देश छोड़कर चली गई थी। सीरिया में अभी भी रहने वाले 90 फीसदी लोग गरीबी में जी रहे हैं। साथ ही सिविल सोसायटी और राजनीतिक सभाएं भी बंद हैं। यहां के तटीय शहर लताकिया में स्थित सीरियाई योग और ध्यान केंद्र का कहना है कि साल 2011 में युद्ध शुरू होने के बाद से योग केंद्रों की संख्‍या चार गुना तक बढ़ गई है। यहां के खेल मंत्रालय की तरफ से भी उन्हें योग अभ्यास के लिए फुटबॉल मैदान दिए जा रहे हैं।

भारत के साथ मजबूत रिश्‍ते
अरब जगत में अब असद का स्वागत किया जाने लगा है। मगर उन्‍हें उम्मीद है कि उनकी बहु-विश्वास नीति उन्हें दुनिया के बाकी हिस्‍सों के साथ उनके लिए अलगाव की भावना को खत्‍म करने में मदद करेगी। योग ने उन्हें भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने में भी काफी मदद की है। उनका मानना है कि यहूदियों तक पहुंचने से अमेरिका और इजरायल के साथ संबंध बेहतर हो सकते हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई बिशप ने अपनी सीरिया यात्रा के बाद कहा कि वह दुनिया के नेताओं से सीरिया पर प्रतिबंध हटाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं ताकि देश का पुनर्निर्माण कर सकें।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments