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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने साफ कर दिया है कि वह और चाचा शरद पवार एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि दोनों एक परिवार के तौर पर साथ हैं और राजनीतिक फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। खास बात है कि पुणे में आयोजित लोकमान्य तिलक अवॉर्ड सेरेमनी में चाचा-भतीजे एक साथ मंच पर नजर आए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
शिरूर में भाजपा के दिवंगत पूर्व विधायक बाबूराव पचारने के स्मारक का अनावण करने पहुंचे अजित ने चाचा पवार संग रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि चुनाव के दौरान पोपटराव (पवार) साहेब के उम्मीदवार थे और बाबूराव मेरे उम्मीदवार थे। इसका मतलब यह नहीं है कि हम अलग थे। हम तब भी अलग नहीं थे और अब भी अलग नहीं हैं। इसे लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘परिवार परिवार होता है। जब मेरी चाची (शरद पवार की पत्नी प्रतिभा) की सर्जरी हुई थी, तो मैं उनसे मुलाकात करने गया था। हमारा राजनीतिक मत अलग हो सकता है, लेकिन परिवार के बीच चर्चा एक अलग बात है।’
निजी हमलों से बच रहे हैं एनसीपी गुट
2 जुलाई को ही अजित ने भाजपा-शिवसेना सरकार का दामन थाम लिया था और उपमुख्यमंत्री बन गए थे। तब से ही एनसीपी को दोनों ही गुट अपने प्रमुख नेताओं के खिलाफ तीखे जुबानी वार से बच रहे हैं। बीते दिनों अजित, प्रफुल्ल पटेल समेत कुछ नेता सीनियर पवार से मुलाकात करने भी करीब तीन बार पहुंचे थे। महाराष्ट्र विधानसभा में भी दोनों गुटों के नेताओं को आपस में बातचीत करते, गले मिलते देखा गया था।
सीनियर पवार के फैसले से एमवीए खफा
पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने पर महाविकास अघाड़ी के दल यानी कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) खफा नजर आ रहे हैं। एक ओर जहां उद्धव ठाकरे सेना ने पवार के कार्यक्रम में जाने पर आश्चर्य जता दिया था। वहीं, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा था, ‘पहली बात तो गैर सरकारी संस्थान की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना गलत नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, जब विपक्ष ने INDIA गठबंधन तैयार किया है, तो ऐसी बातें अटकलों को जन्म देती हैं। अच्छा होगा कि पवार साहब अपना मत सभी के सामने रखें।’