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इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर भी तालिबान को कार्रवाई की धमकी दे चुके हैं लेकिन उसके ऊपर कोई असर नहीं हुआ था। उल्टे तालिबान ने साफ कह दिया है कि टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान की सीमा के अंदर हैं, अफगानिस्तान में नहीं। बिलावल ने तालिबान के डर से बाद में यह भी सफाई दी कि अफगानिस्तान के अंदर कार्रवाई उनकी सरकार का पहला नहीं बल्कि आखिरी विकल्प होना चाहिए। बिलावल ने तालिबान को एक बार फिर से दोहा समझौते की याद दिलाई।
इससे पहले भी पाकिस्तान ने तालिबान को दोहा समझौते की याद दिलाई थी जिस पर तालिबान ने शहबाज सरकार की बोलती बंद कर दी थी। तालिबान ने कहा था कि दोहा समझौता उसने अमेरिका के साथ किया था, पाकिस्तान के साथ नहीं। दरअसल, दोहा समझौते के तहत तालिबानी आतंकियों ने लिखित में यह आश्वासन दिया था कि वह अफगानिस्तान की जमीन पर आतंकियों को पनाह नहीं देगा। साथ ही किसी भी आतंकी गुट को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करके किसी दूसरे देश पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा।
बिलावल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब टीटीपी और आईएसकेपी के आतंकी पाकिस्तान के अंदर जमकर खून बहा रहे हैं। अभी हाल में बाजौर में आईएसकेपी के आत्मघाती हमले में 54 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 200 लोग घायल हो गए थे। ये सभी लोग मौलाना फजलुर्रहमान की पार्टी के सदस्य थे जो सत्ताधारी पीडीएम में शामिल है। वहीं पिछले कई महीने से टीटीपी आतंकी पाकिस्तानी सेना का खून बहा रहे हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में टीटीपी आतंकियों की हत्या की है।
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