हालांकि, अगर आप आने वाले समय में स्मार्ट रिंग लेने का सोच रहे हैं तो कुछ चीजें हैं जिनका ध्यान जरूर रखना चाहिए। स्मार्ट रिंग लेते समय क्या-क्या देखना चाहिए? चलिए आपको बताते हैं:
बिल्ट-क्वालिटी: स्मार्ट रिंग का डिजाइन कुछ ऐसा होना चाहिए कि वो गिरने से या पानी में या रेगुलर इस्तेमाल में कंफर्टेबल होने के साथ-साथ ड्यूरेबल भी हो। क्योंकि यह एक ऐसा गैजेट है जिसे खरीदने वाले इसे अधिकतम समय तक पहन कर रखेंगे तो स्किन के लिए भी इसके मैटेरियल का ठीक होना जरूरी है।
एक्यूरेसी: स्मार्ट रिंग अगला बड़ा इन्नोवेशन है जो हेल्थ ट्रैकिंग को अलग लेवल पर लेकर जाएगा। इस बात का ध्यान रखे की सेंसर्स सही जगह लगे हो, डाटा कलेक्शन ठीक से होता हो। सेंसर्स आपके अंदर हो रहे छोटे-छोटे बदलावों जैसे हार्ट-रेट, स्लीप पैटर्न, मूवमेंट आदि को सटीक कैप्चर कर पाए। स्मार्ट रिंग में एडवांस्ड एल्गोरिदम होना जरूरी है ताकि डाटा को ठीक से कैप्चर किया जा सके।
लाइट-वेट: स्मार्ट रिंग्स लाइटवेट हो, इस बात का भी ध्यान दें। कॉम्पैक्ट और अल्ट्रा-लाइट डिजाइन होने से आप इसे आसानी से पूरा दिन पहन पाएंगे। लाइट-वेट होने से सोते समय भी आपको ऐसा महसूस नहीं होगा जैसे आपने कोई गैजेट पहना है और लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद भी आपको किसी तरह का डिस्कम्फर्ट नहीं होगा।
लो पावर कंजम्प्शन: स्मार्ट रिंग में लंबी बैटरी लाइफ होना जरूरी है ताकि आपका हेल्थ डाटा पूरे दिन आसानी से ट्रैक किया जा सके। इसमें अच्छे चिपसेट का होना भी जरूरी है जो कम पावर कंज्यूम करे। एक सिंगल चार्ज में कम से कम एक हफ्ता चल जाने वाली स्मार्ट रिंग बेस्ट एक्सपीरियंस डिलीवर कर पाएगी।
वाटर रेसिस्टेंट: स्मार्ट रिंग रोजाना के लाइफस्टाइल का हिस्सा होने वाला है। ऐसे में, इसे हमेशा पहना जाएगा, फिर चाहे आप ट्रैवल कर रहे हो या घर के कोई काम कर रहे हो। वॉटर-रेसिस्टेंट स्मार्ट रिंग स्प्लैश, पसीने से बचाएगी। स्मार्ट रिंग कम से कम 50m तक वाटरप्रूफ होनी चाहिए।
इन सभी बातों का ध्यान रखने पर स्मार्ट रिंग जैसे गैजेट से बेस्ट एक्सपीरियंस लिया जा सकेगा।