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रिपोर्ट- अनिन्द्य बनर्जी
नई दिल्ली. हरियाणा के नूंह में भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए. इन दंगों में छह लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए, 55 एफआईआर और 141 गिरफ्तारियां हुईं. इसके बाद पूरे इलाके में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा है. इस घटना को अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है. दिल्ली से महज 72 किमी की दूरी पर स्थित नूह में जहां से हिंसा शुरू हुई थी, विश्व हिंदू परिषद (VHP) उसी रास्ते से एक और जलाभिषेक यात्रा निकालने की तैयारी कर रहा है.
VHP ने News18 से इस बात की पुष्टि की है कि एक और जुलूस, जिसे ‘ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा’ कहा जाता है, 31 अगस्त तक आयोजित की जाएगी. हालांकि, उनका तर्क यह है कि वे एक अलग जुलूस नहीं निकाल रहे हैं, बल्कि नूंह में शुरू हुआ जुलूस जो हमले के चलते पूरा नहीं हो सका था, उसको पूरा करने जा रहे हैं. चूंकि श्रावण मास 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है, इसलिए विहिप ने यह तारीख तय की है.
हालांकि कहानी में एक ट्विस्ट है
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने News18 को बताया, “स्थानीय भावनाएं आहत हुईं और इसलिए जल्द ही एक खाप पंचायत आयोजित की जाएगी. वे चाहते हैं कि हम एक और यात्रा का आयोजन करें. एक बार जब वे औपचारिक रूप से प्रस्ताव पारित कर देंगे, तो वीएचपी इसका नेतृत्व करेगी.” बंसल ने कहा कि यात्रा की सही तारीख और अपेक्षित लोगों की संख्या खाप ही निर्धारित करेगी, लेकिन जुलूस “इसी महीने” निकलेगा, यह तय है.
कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर विहिप स्पष्ट रूप से राज्य पुलिस और प्रशासन को कठघरे में खड़ा करता है. जब उनसे पूछा गया कि अगर इस बार भी उन्हें पुलिस की अनुमति नहीं मिली तो विहिप क्या करेगी, इस पर बंसल ने कहा, “यात्राओं का आयोजन करना समाज का काम है और उस दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन का काम है… यह और बात है कि वे पिछली बार जिहादी तत्वों को रोकने में विफल रहे और वे जुलूस पर हमला करने के बाद भाग गए.”
यह है यात्रा का मकसद
यह यात्रा महाभारत के पांडव युग के पांच मंदिर जो गुमनाम पड़े हुए हैं, उनको पुनर्जीवित करने का विहिप-बजरंग दल के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है. बंसल का आरोप है कि यहां ऐसे पांच मंदिर हैं जो हिंदुओं के लिए पवित्र स्थल हुआ करते थे, लेकिन क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन के साथ, कुछ स्थानीय तत्वों द्वारा उन स्थलों को “नियंत्रित करने का प्रयास” किया गया है. 2011 की जनगणना के अनुसार, नूंह जिले में मुसलमानों की आबादी 79.2% है.
मंदिरों का पुनरुद्धार करना चाहती है विहिप
यात्रा सभी पांच मंदिरों तक जाती है, देवताओं पर जल चढ़ाती है और वापस लौट आती है. दरअसल, जब 31 जुलाई को जुलूस पर हमला किया गया था, तो हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के अनुसार, जुलूस में भाग लेने वाले 25,000 में से 3,000 हिंदू भक्तों ने मल्हार महादेव मंदिर में शरण ली थी- यह उन्हीं मंदिरों में से एक है जिसका जिक्र बंसल ने किया है. बंसल ने जोर बताया कि यह जगह इसलिए भी अहम है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण की “कर्मभूमि” माना जाता है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि विहिप उन मंदिरों का पुनरुद्धार करना चाहती है.
आईआरबी लगानी पड़ी शांति व्यवस्था के लिए
31 जुलाई को नूंह में धार्मिक जुलूस पर पथराव और कारों में आग लगाने के बाद कई जगहों पर हिंसा भड़क गई. पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी गुरुग्राम तक फैली झड़पों में दो होमगार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि हमला पहले से ही तैयार हथियारों की मदद से साजिशन किया गया था. यहां तक कि नूंह में साइबर पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया. हिंसा का स्तर इतना व्यापक था कि हरियाणा सरकार को कानून -व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए द्वितीय भारत रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के बटालियन मुख्यालय को तुरंत पुलिस परिसर भोंडसी से नूंह जिले में स्थानांतरित करने का फैसला लेना पड़ा.
सांप्रदायिक आग का भड़कने में सोशल मीडिया का हाथ
सांप्रदायिक आग का भड़कना सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ था जिसने केंद्रीय एजेंसियों का ध्यान अपनी ओर खींचा. उन्होंने करीब 100 सोशल मीडिया हैंडल को सीमित कर दिया जो अत्यधिक रूप से सक्रिय थे और अपने खातों के जरिए नूंह हिंसा से संबंधित प्रचार प्रसार में शामिल थे. एजेंसियों ने पाया कि ये हैंडल हरियाणा में अशांति का इस्तेमाल अपने घृणित एजेंडे का प्रचार करने के लिए कर रहे थे. सरकारी एजेंसियों ने नूंह सांप्रदायिक हिंसा में सीमा पार से हस्तक्षेप के सबूत भी देखे हैं.
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Tags: Haryana BJP, Nuh Violence, Vishwa hindu parishad
FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 14:00 IST
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