Saturday, February 22, 2025
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केवल वीकेंड पर नींद पूरी करने से नहीं सुधरेगी दिल की सेहत, फिर करें क्‍या


Weekend Sleep: आजकल हर कामकाजी व्‍यक्ति पूरे हफ्ते व्‍यस्‍त रहता है. पूरे हफ्ते ही अति‍व्‍यस्‍तता के कारण अक्‍सर लोग सही से नींद भी नहीं ले पाते हैं. ऐसे में ज्‍यादातर लोग वीकेंड पर ज्‍यादा से ज्‍यादा सोकर हफ्ते के दौरान कम ली गई नींद की पूर्ति करने की कोशिश करते हैं. सवाल ये उठता है कि क्‍या वाकई वीकेंड की अतिरिक्‍त नींद कामकाजी दिनों की कम नींद की भरपाई कर देती है? क्‍या भरपाई के लिए ली गई इस अतिरिक्‍त नींद से हमारे अंदरूनी अंगों को फायदा मिलता है. इसी मसले पर पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने एक शोध किया, जिसके नतीजे सभी भ्रमों को तोड़ देते हैं.

पेन स्‍टेट यूनिवर्सिटी के शोध के नतीजे पूरे हफ्ते कम नींद की भरपाई के लिए वीकेंड पर ज्‍यादा नींद के अच्‍छे असर पर संदेह पैदा करते हैं. अध्‍ययन के नतीजे हमारे दिल की सेहत और वीकेंड की अतिरिक्‍त नींद को लेकर खास तथ्‍य पेश करते हैं. जर्नल साइकोसोमैटिक मेडिसिन में प्रकाशित इस शोध की रिपोर्ट के मुताबिक, वीकेंड पर सप्‍ताह के दौरान छूटी नींद की भरपाई करने की कोशिश करना दिल पर बुरे असर को कम करने के लिए किसी भी तरह से पर्याप्त नहीं हो सकता है. अब इसके लिए क्‍या किया जा सकता है?

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दिल की सेहत पर कब पड़ता है असर
बायोबिहेवियरल हेल्थ के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक ऐनी मैरी चांग का कहना है कि शोध से नींद और हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के बीच संबंध के लिए एक संभावित तंत्र का पता चलता है. इससे पता चलता है कि आपके युवा होने के दौरान आपके दिल की सेहत पर कई चीजें असर डालती हैं. इससे भविष्य में हृदय रोग की आशंका बढ़ जाती है. अध्ययन में 20 से 35 वर्ष की उम्र के 15 स्वस्थ युवाओं को शामिल किया गया. इन सभी ने 11 दिन के रोगी नींद अध्ययन में हिस्‍सा लिया.

शोधकर्ताओं ने कैसे पूरा किया अध्‍ययन
पांच रात के लिए सभी प्रतिभागियों की नींद पर पाबंदी लगा दी गई. उन्‍हें हर रात केवल 5 घंटे सोने दिया गया. इसके बाद दो रात की रिकवरी नींद लेने दी गई, जहां उन्हें हर रात 10 घंटे तक सोने की छूट दी गई. अध्ययन के दौरान दिन में हर दो घंटे के अंतराल पर उनका हार्ट रेट और ब्‍लड प्रेशर मापा गया. पूरे दिन हृदय संबंधी स्वास्थ्य उपायों की निगरानी से शोधकर्ताओं को दिन में प्रभावित होने वाली विविधताओं का हिसाब-किताब रखने में आसानी हुई. शोध के नतीजे चौंकाने वाले थे.

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हार्ट रेट और बीपी में लगातार हुई वृद्धि
अध्ययन में नींद पर पाबंदी के हर दिन के साथ हृदय गति और सिस्टोलिक ब्‍लड प्रेशर दोनों में लगातार वृद्धि देखी गई. बाद के सप्ताहांत में ठीक होने की नींद के बावजूद हृदय गति और रक्तचाप सामान्‍य स्‍तर पर वापस नहीं आए. शोध के मुख्य लेखक डेविड रीचेनबर्गर ने परिणामों की अहमियत पर जोर दिया. उन्‍होंने कहा कि आराम करने का अतिरिक्त समय मिलने के बावजूद अध्ययन के वीकेंड के आखिर तक प्रतिभागयिों की हृदय प्रणाली ठीक नहीं हुई थी.

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नींद किस चीज पर डालती है असर
चांग ने कहा कि नतीजे लगातार रातों की नींद की कमी के असर को कम करने के लिए लंबी अवधि की नींद की जरूरत पर जोर देते हैं. अध्ययन पूरे स्वास्थ्य पर अपर्याप्त नींद के लंबी अवधि में असर के बारे में चिंता जताता है. दरअसल, नींद न केवल हृदय स्वास्थ्य में बल्कि मानसिक कल्याण, वजन प्रबंधन, फोकस और पारस्परिक संबंधों में भी अहम भूमिका निभाती है.

वीकेंड की नींद पर्याप्‍त नहीं है
जैसे-जैसे समाज नींद के महत्व के बारे में जागरूक होता जा रहा है, यह शोध एक चेतावनी के तौर पर काम कर रहा है. वीकेंड में पूरी नींद लेने की पारंपरिक धारणा सप्ताह के दौरान अपर्याप्त नींद के कारण होने वाले हृदय संबंधी दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं है. चांग के मुताबिक, उम्‍मीद है कि किसी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नींद की अहमियत पर ज्‍यादा ध्यान दिया जाएगा.

Tags: Health News, New Study, Research



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