ऐप पर पढ़ें
Chandrayaan 3 Landing: सदियों से जिस पल का पूरी दुनिया को इंतजार था, वह आखिरकार आज आ ही गया। इसरो के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोल) पर लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है। बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरा। भारत दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग की हो। इसके अलावा, चांद पर उतरने वाला भारत का चौथा देश है। इस सूची में अमेरिका, चीन और सोवियत संघ शामिल हैं।
14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था, जिसके बाद यह पृथ्वी और चंद्रमा के चक्कर लगाता हुआ बुधवार को चांद की सतह पर लैंड कर गया। भारत ने अपने तीसरे मून मिशन में यह बड़ी कामयाबी हासिल की है। चार साल पहले, सितंबर 2019 में भी चंद्रयान-2 की लैंडिंग की कोशिश की गई थी, लेकिन ऐन मौके पर सफलता नहीं मिल सकी थी। इसी वजह से इसरो के वैज्ञानिकों ने इस बार पूरी तैयारी की थी। चंद्रयान-3 में कई तरह के बदलाव किए थे, जिससे इस बार सफलता मिलने के ज्यादा चांसेस थे। तीसरे मून मिशन पर न सिर्फ भारत की नजर थी, बल्कि पूरी दुनिया लॉन्चिंग के बाद से ही इस पर टकटकी लगाए बैठी हुई थी।
कई बार चांद की तस्वीरें भी भेज चुका है चंद्रयान-3
इस महीने की शुरुआत में चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चांद की कक्षा में पहुंचा था। इसके बाद कई बार उसने चांद की तस्वीरें और वीडियो शेयर करके दुनिया को बताया था कि चंद्रमा कैसा दिख रहा है। इसरो ने मंगलवार को लैंडर पर मौजूद कैमरों द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें साझा करते हुए कहा था कि अभियान तय समय के मुताबिक चल रहा है। सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है। इससे पहले भी कई बार चांद की तस्वीरें और फोटोज सामने आ चुके हैं। बता दें कि चंद्रयान का पहला अभियान 2008 में हुआ था। 600 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान-3 अभियान लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए 14 जुलाई को शुरू हुआ था और आज तक इसने 41 दिन का सफर तय किया।
मिशन की सफलता के लिए लोगों ने की कामना
विभिन्न राज्यों में लोग मंदिरों, मस्जिदों, गुरूद्वारों एवं अन्य पूजा स्थलों पर हवन आदि के साथ विभिन्न पूजा अनुष्ठानों के जरिए मिशन की सफलता की कामना करने में जुटे रहे। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने को लेकर दिल्ली के कई हिस्सों में मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में बुधवार को विशेष प्रार्थनाएं की गईं। केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अभियान की सफलता के लिए बंगला साहिब गुरुद्वारे में अन्य लोगों के साथ विशेष अरदास की। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना की सफलता के लिए प्रार्थना करते हुए संत नगर बुराड़ी में एक ”यज्ञ” का आयोजन किया। आर्य समाज मंदिर के वैदिक आचार्य विमलेश बंसल ने कहा, ”हमें अटूट विश्वास है कि शुद्ध मन और वेदों के विशेष मंत्रों के साथ की गई हमारी सामूहिक प्रार्थना भगवान निश्चित रूप से सुनेंगे।” मंडोली में अल जमीयतुल इस्लामिया इस्लाहुल बनत मदरसा की लगभग 150 छात्राएं भी चंद्रयान लैंडर की निर्धारित लैंडिंग से कुछ घंटे पहले आयोजित एक विशेष प्रार्थना का हिस्सा बनीं। ओडिशा राज्य में उत्सव का माहौल रहा और कई जगहों पर पूजा एवं यज्ञ का आयोजन किया गया। भगवान जगन्नाथ मंदिर में पुजारियों का एक समूह 12वीं सदी के मंदिर के सिंहद्वार के सामने इकट्ठा हुआ और चंद्र मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करते हुए दीप प्रज्ज्वलित किया।