Tuesday, February 4, 2025
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Pralay Missile Hindi: यूक्रेन जैसी तबाही मचा सकती है भारत की प्रलय मिसाइल, जानें रूसी इस्‍कंदर, चीनी डोंगफेंग से कितनी अलग


मॉस्‍को/बीजिंग/नई दिल्‍ली: वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की सेनाएं भारत में घुसपैठ की कोशिशों में लगी है। लेकिन अब भारत की सेनाओं के पास वह खतरनाक हथियार होगा जो चीन और पाकिस्‍तान की हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देगा। जल्‍द ही भारत की सेनाएं उस मिसाइल से लैस होने वाली हैं जो चीन के मिलिट्री बेसेज को रात के समय में भी निशाना बना सकती है। प्रलय, भारतीय सेनाओं का वह खतरनाक हथियार जो चीन की डोंगफेंग-12 और रूस की इस्‍कंदर के बराबर है। 350 किलोमीटर की रेंज वाली इस मिसाइल का टेस्‍ट पिछले साल किया गया था जो कि सफल रहा था। प्रलय को रात में भी दुश्‍मन के अड्डों पर कहर बरपा सकती है। यह मिसाइल चीन की डीएफ-12, पाकिस्‍तान की गजनवी, एम-11 और शाहीन का जवाब है।

यूक्रेन में इस्‍कंदर का कहर

प्रलय मिसाइल को चीन की डोंगफेंग का जवाब बताया जा रहा है। यह भी डोंगफेंगकी तरह कंटेनर से लॉन्‍च होने वाली मिसाइल है। डोन्‍गफेंग, रूस की इस्‍कंदर का ही चीनी वर्जन है। इस्‍कंदर इस समय यूक्रेन में तबाही मचा रही है। दो इस्‍कंदर मिसाइलों को आसानी से ट्रांसपोर्ट करके करीब 500 किलोमीटर तक की रेंज में मौजूद टारगेट को तबाह किया जा सकता है। प्रलय की रेंज भी 150 से 500 किलोमीटर के बीच है। सूत्रों की मानें तो जरूरत पड़ने पर इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाया जा सकता है। रूस की इस्‍कंदर और चीन की डोंगफेंग दोनों ही शॉर्ट रेंज वाली टैक्टिकल बैलेस्टिक मिसाइल हैं। रूस की इस्‍कंदर को नाटो की सेनाएं SS-26 ‘स्‍टोन’ के तौर पर जानती हैं।
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रडार की पकड़ से बाहर
इस्‍कंदर मिसाइल ऑप्टिकल डिजिटल सीन मैचिंग एरिया कोरिलेटर (DSMAC) के जरिए अपने टारगेट की पहचान करती है। DSMAC मिसाइल गाइडेंस के तौर पर काम करता है। इसकी मदद से हमले की सटीकता बढ़ जाती है। प्रलय और इस्‍कंदर दोनों में ही इंटीरियल नेविगेशन सिस्‍टम या सैटेलाइट नेविगेशन है। इसका साफ मतलब है कि दोनों मिसाइलों को इंटरसेप्‍ट कर पाना काफी मुश्किल है। इस्‍कंदर में टीरेन काउंटर मैचिंग (TERCOM) सिस्‍टम इंस्‍टॉल है। यह सिस्‍टम मिसाइल को और ज्‍यादा खतरनाक बनाता है। इसकी वजह से मिसाइल अपने टारगेट पर हमला करने से नहीं चूकती है। इसकी वजह से मिसाइल निचले स्‍तर पर उड़ती है और इस वजह से ही रडार की पकड़ में नहीं आ पाती है।

चीनी मिलिट्री बेसेज की आफत
प्रलय की वजह से भारतीय सेनाओं को तिब्‍बत में दोहरे प्रयोग वाले चीनी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और मिलिट्री बेसेज को निशाना बनाने में मदद मिलेगी। चीन ने हाल के कुछ वर्षों में तिब्‍बत में सड़क, पुल, एयरपोर्ट्स और रेलवे लाइनों का मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया है। प्रलय इस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को पलक झपकते ही खत्‍म करने में समर्थ है। चीन की डोन्‍फेंग की तर्ज पर यह मिसाइल भी रोड मोबाइल है। इसे दुश्‍मन के रडार और कम्‍युनिकेशन सिस्‍टमों को निशाना बनाने के लिए ही डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल इसके अलावा कंट्रोल सेंटर और एडवांस एयरफील्‍ड को तबाह कर सकता है।



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