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हाइलाइट्स
हरतालिका तीज की तिथि 17 सितंबर को 11:08 AM से 18 सितंबर को 12:39 PM तक है.
हरतालिका तीज वाले दिन चित्रा और स्वाती नक्षत्र का संयोग बना है.
इस साल हरतालिका तीज की पूजा शाम 06:23 पी एम से प्रारंभ होगी.
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को रखते हैं. इस बार हरतालिका तीज की तिथि 17 सितंबर को सुबह में शुरू होकर 18 सितंबर को दोपहर में खत्म हो रही है. ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा या 18 सितंबर को? हरतालिका तीज के दिन स्वाती नक्षत्र है और उस में शुभ मुहूर्त में पूजा करना अखंड सौभाग्य को देने वाला साबित होगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं हरतालिका तीज की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
हरतालिका तीज 2023 की सही तारीख क्या है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल हरतालिका तीज की भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक है. व्रत के लिए उदयातिथि की मान्यता है, इसलिए इस साल हरतालिका तीज 18 सितंबर सोमवार को मनाई जाएगी.
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स्वाती नक्षत्र में हरतालिका तीज 2023 का पूजा मुहूर्त
इस बार हरतालिका तीज पर इंद्र योग और रवि योग बना है. रवि योग दोपहर 12:08 पी एम से अगले दिन 19 सितंबर को 06:08 ए एम तक है. हरतालिका तीज वाले दिन चित्रा और स्वाती नक्षत्र का संयोग बना है. इंद्र योग सुबह से लेकर अगले दिन प्रात:काल तक है. चित्रा नक्षत्र 12:08 पी एम तक है, उसके बाद से स्वाती नक्षत्र है.
हरतालिका तीज की पूजा स्वाती नक्षत्र में प्रदोष काल में होगी. जब सूर्य अस्त हो रहा होगा तो उस समय से हरतालिका तीज की पूजा प्रारंभ होगी. इस साल हरतालिका तीज की पूजा शाम 06:23 पी एम से प्रारंभ होगी. स्वाती नक्षत्र में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
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हरतालिका तीज 2023 शुभ चौघड़िया मुहूर्त
हरतालिका तीज के दिन आप कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो उस दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त पर विचार कर सकते हैं.
अमृत-सर्वोत्तम: 06:07 ए एम से 07:39 ए एम
शुभ-उत्तम: 09:11 ए एम से 10:43 ए एम
चर-सामान्य: 01:47 पी एम से 03:19 पी एम
लाभ-उन्नति: 03:19 पी एम से 04:51 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 04:51 पी एम से 06:23 पी एम
हरतालिका तीज का महत्व क्या है?
हरतालिका दो शब्दों हरत और आलिका से मिलकर बना है. हरत का अर्थ अपहरण और आलिका का अर्थ सहेली है. हरतालिका तीज की पृष्ठभूमि में माता पार्वती के जीवन की एक कथा है. कहते हैं कि माता पार्वती के पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से कराना चाहते थे, लेकिन देवी पार्वती को शिव प्रिय थे. तब उनकी सहेलियों ने पार्वती जी को महल से ले जाकर एक गुफा में छिपा दिया. वहां माता पार्वती ने कठोर तप से भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त किया.
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Tags: Dharma Aastha, Hartalika Teej
FIRST PUBLISHED : September 14, 2023, 12:02 IST
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