(रिपोर्ट- एस. सिंह)
चंडीगढ़. कनाडा और भारत के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों ने हर साल उत्तरी अमेरिका की ओर जाने वाले हजारों अप्रवासियों, छात्रों और श्रमिकों के लिए वीजा हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. कनाडा में विश्वविद्यालयों और कार्यालयों से संपर्क करने वाली परामर्श कंपनियां भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से आवेदनों की जांच बढ़ जाएगी और प्रवासी वीजा प्राप्त करना कठिन हो जाएगा.
परामर्श कंपनियों की मानें तो प्रवासी वीजा के आवेदन अभी तक 60 फीसदी ही स्वीकृति हो जाते थे लेकिन इसमें अब और गिरावट आने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा वीजा के लिए लंबी समय तक इंतजार करना पड़ेगा. एडटेक सेटअप अपग्रेड (AdTech Setup Upgrade) की इकाई अपग्रेड अब्रॉड (Upgrade Abroad) के अध्यक्ष अंकुर धवन के हवाले से द मिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल कनाडा पर ध्यान केंद्रित करने वाले छात्रों को अब अन्य विकल्प की ओर भी देखने की जरूरत है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि जून में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में भारत सरकार से जुड़े एजेंटों की भूमिका हो सकती है. कनाडा की खुफिया एजेंसियां इस मामले को आगे बढ़ा रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है. दोनों के बीच तनाव ने पहले ही आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचाया है, कनाडा ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत के साथ बातचीत को रोकने का आह्वान किया है.
ऐसी सूरत में इमीग्रेशन वीजा छात्र वीजा की तुलना में एक बड़ी चिंता का विषय होगा. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एन.बी.एफ.सी.) ज्ञानधन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अंकित मेहरा का कहना है कि कनाडाई अधिकारियों ने पिछले वर्ष से आवेदकों के दस्तावेजों पर अपनी जांच बढ़ा दी है, और अब यह और ज्यादा सख्त होगी. ज्ञानधन ने 2021 और 2023 के बीच विदेश जाने वालों के ऋण आवेदनों में तीन गुना वृद्धि देखी है. उल्लेखनीय रूप से पंजाब ने 2021 के बाद से ऋण आवेदनों में पांच गुना वृद्धि के साथ इस प्रवृत्ति को पार कर लिया है.
कनाडा भारतीय छात्रों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के आप्रवासियों के लिए दूसरा सबसे लोकप्रिय गंतव्य है. नौकरी के लिए आवेदन करने वाले अधिकांश उम्मीदवार खुदरा, व्यावसायिक सेवाओं और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में प्रवेश और मध्य स्तर के पदों की तलाश करते हैं. अध्ययन के लोकप्रिय क्षेत्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम), साथ ही चिकित्सा पाठ्यक्रम शामिल हैं. सलाहकारों ने कहा कि देश में उनके पर्याप्त आर्थिक योगदान को देखते हुए उन्हें कनाडा में छात्रों के प्रवाह में अचानक रुकावट की उम्मीद नहीं है. भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल कनाडा सहित 700,000 से अधिक छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गए थे.
हालांकि महामारी के बाद भारत से आने वाली आमद ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया को अपनी वीज़ा नीतियों को सख्त करने के लिए प्रेरित किया. हालिया कूटनीतिक तनाव से तनाव और बढ़ेगा. इमीग्रेशन वीजा प्रतिबंधित हो सकता है क्योंकि कनाडाई सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में इस बात पर जोर दिया है कि वे छात्रों को अंदर आने, पारिस्थितिकी तंत्र में ढलने और फिर बसने को प्राथमिकता देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2023, 09:00 IST