जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में भाजपा की परिवर्तन संकल्प रैली में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान मंच पर एक महिला ज्योति मिर्धा को भी बैठे देखा गया, जिसके बाद से सियासी गलियारों में चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया है। दरअसल ज्योति मिर्धा हालही में बीजेपी के साथ आई हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पीएम मोदी के मंच पर जगह दी गई, ये बात सियासी हलकों में लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही है। लोग इस बात को जानने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं कि आखिर ज्योति इतनी जल्दी कैसे बड़े नेताओं के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती दिख रही हैं, जबकि उन्होंने हालही में बीजेपी ज्वाइन की है।
क्या है ज्योति के मंच पर बैठने के पीछे की रणनीति?
दरअसल बीजेपी का ये कदम जाट वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री के मंच पर ज्योति मिर्धा को जगह दी गई, जोकि पहले से तय नहीं था। देर रात PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) से ज्योति मिर्धा का नाम सामने आया और सुबह मंच पर बिठाने के लिए फाइनल किया गया। ज्योति मिर्धा का नाम आखिरी समय में जोड़ने की बात पीएमओ से तो आई लेकिन प्रशासन स्तर पर इसमें देरी करने की कोशिश की गई।
कौन हैं ज्योति मिर्धा?
दरअसल ज्योति मिर्धा हालही में बीजेपी के साथ आई हैं और नागौर से बड़ा जाट चेहरा हैं। बीजेपी ने जाट वोट को साधने और हनुमान बेनीवाल की काट के लिए ज्योति मिर्धा को आगे किया है। जाट लैंड से लगभग 20 से 25 सीटों पर मिर्धा परिवार असर डालता है और सबसे बड़ी बात ये है कि हालही में हनुमान बेनीवाल की जिस तरह से सीएम गहलोत से नजदीकियों की खबरें आई हैं, उसको देखते हुए बीजेपी ने जाट वोट के लिए नया समीकरण तैयार किया है। इसकी झलक सोमवार के कार्यक्रम में साफ दिखाई पड़ी।
ये भी पढ़ें:
कंधार का किला जीतना था मुगलों का सपना, दाराशिकोह की सेना भूत-प्रेतों को लेकर पहुंच गई!