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मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) ने स्टेट बैंक के एक पूर्व ब्रांच मैनेजर को न सिर्फ कड़ी फटकार लगाई, बल्कि 25000 रुपए का जुर्माना भी ठोक दिया. ब्रांच मैनेजर को SBI ने चोरी के आरोप में नौकरी से निकाल दिया था. इसके बाद वह प्रोविडेंट फंड यानी PF और ग्रेच्युटी का पैसा हासिल करने के लिए हाई कोर्ट पहुंच गया था।
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
मेघालय हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी (Sanjib Banerjee) और जस्टिस बी. भट्टाचार्जी (B Bhattacharjee) की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक के फैसले की तारीफ की। बेंच ने कहा, ‘ब्रांच मैनेजर रैंक का एक अफसर चोरी का दोषी पाया जाता है और अब वह इस तरीके से कोर्ट में आया है जैसे उसकी गाढ़ी कमाई के पैसे को रोक दिया गया हो..ऐसे कर्मचारियों से सख्ती से निपटना चाहिए’.
जज यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने बैंक का एक ऐसा बदनाम कर्मचारी खड़ा है जो बेशर्मी के साथ पीएफ-ग्रेच्युटी का पैसा ऐसे मांग रहा है, जैसे इसका हक हो. बैंक ने भी पूरी जांच की थी और इसके पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया था। ऐसे अड़ियल कर्मचारी के खिलाफ अपने विवेक का प्रयोग करते हुए अच्छा फैसला लिया था’.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि शख्स को एसबीआई ने साल 2007 में नौकरी से निकाल दिया था. उसे साल 2004 और 2005 में बैंक से रुपए गायब करने का दोषी पाया गया था. इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी. कुछ वक्त बाद आरोपी ने पीएफ-ग्रेच्युटी के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 2012 में हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए बैंक के आदेश को बरकरार रखा था. बाद में शख्स ने उस फैसले को चुनौती दी थी.
25000 का जुर्माना भी लगा
मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) ने सिंगल जज की बेंच के फैसले को चुनौती देने के ग्राउंड पर भी आपत्ति जाहिर की. याचिका खारिज करते हुए शख़्स पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया.
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Tags: High court, Sbi
FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 13:21 IST
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