रितिका तिवारी/ भोपाल. मध्य प्रदेश में पिछले कुछ समय से बच्चों में दिल से जुड़ी बीमारियां सामने आ रही हैं. लगातार बिगड़ती जीवन शैली और खान पान का हमारे शरीर पर काफी असर पड़ता दिख रहा है. पहले अगर दिल से जुड़ी बीमारियों की बात करे तो उमर बढ़ने के साथ इस बात को जोड़ा जाता था. मगर आज कल बच्चों में ये दिक्कतें आम तौर पर देखने मिल जा रही है. दिल शरीर का एक मुख्य भाग होता है, जिसका स्वस्थ रहना भी उतना ही जरूरी होता है जितना की बाकी अंगो का. कोरोना काल से इन प्रकार की बीमारियां और तेज़ी से बढ़ रही हैं. छोटे छोटे बच्चों में भी आज कल इस प्रकार की कई बीमारियां देखने मिल रही है. भोपाल के प्रसिद्ध डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अवधेश नारायण खरे ने बताया कि बच्चों में दिल से जुड़ी बीमारियों को कैसे पहचाने.
बच्चों में दिल की समस्या कई कारणों की वजह से देखने को मिल रही है. बच्चों में दिल का डेवलपमेंट पैदा होने के बाद से ही शुरू हो जाता है. अगर ये डेवलपमेंट सही प्रकार से न हो तो बचपन से ही समस्या हो जाती है. अगर बच्चों की छाती में दर्द हो या कैसी प्रकार की आवाज सुनने मिले या छाती घिचे तो ध्यान दे. इसके साथ ही अगर आपको बच्चे नीले पड़ते दिखे तो इसका विशेष ध्यान दे. बच्चे कई बार सुस्त पड़ जाते हैं और उनका शरीर नीला पड़ने लगता है, ऐसे में डॉक्टर से जल्द ही संपर्क करे और विशेष देखभाल की जरूरत है.
शरीर का वजन न बढ़ने के पीछे भी हो सकती है दिल की दिक्कत
भोपाल के प्रसिद्ध डॉक्टर अवधेश खरे ने कहा कि बच्चों में आज कल दिल से जुड़ी समस्याएं काफी बढ़ रही हैं. अगर आपको इनमे से कोई भी लक्षण देखने को मिले तो आप समय रहते सचेत हो जाए. अगर आपके बच्चे में सुस्ती दिखे या फिर वजन बढ़ने में दिक्कत हो. इसके अलावा अगर शरीर नीला पड़ने लगे तो सचेत हो जाए और समय से डॉक्टर या पीडियाट्रिशियन को दिखा ले. साथ ही अगर बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो तो इसकी भी जांच जरूर करवा ले, इसके पीछे भी हार्ट से जुड़ी परेशानी हो सकती है. कुछ केसेज में बच्चों को बचपन से ही कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत होती है. ये परेशानी कई बार माता पिता के बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की वजह से भी बच्चों में देखा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 21:32 IST