Tuesday, February 4, 2025
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‘जहन्नुम में जाए जम्मू-कश्मीर’, फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर कर दी 200 साल वाली भविष्यवाणी


पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि केंद्र का समर्थन करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला अनुच्छेद 370 पर अंतिम फैसला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, “हम आदेश का सम्मान करते हैं. लेकिन ये वही सुप्रीम कोर्ट था, उसके तीन जज थे, जिसने अनुच्छेद 370 को स्थायी माना था। क्या यह अभी भी कायम है? कौन जानता है कि भविष्य में क्या होगा? हम किसी दिन फिर अदालत जाएंगे। फिर हम देखेंगे कि वह क्या फैसला करती है। “

अब्दुल्ला ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “अनुच्छेद 370 को हटाने में 70 साल लग गए। कौन जानता है कि यह अगले 200 वर्षों में फिर वापस आ सकता है।” सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के आदेश ने जम्मू-कश्मीर के उन लोगों को हताश कर दिया जिन्हें उम्मीद थी कि फैसला उनके पक्ष में आएगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला जैसे कई लोगों ने कहा है कि “संघर्ष जारी रहेगा”।

‘जहन्नुम में जाए जम्मू-कश्मीर’

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने संसद परिसर में कहा कि जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए। उन्होंने यह प्रतिक्रिया पत्रकारों के एक सवाल पर दी। उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए। लोगों के दिल जीतने हैं? कैसे जीतोगे दिल? जब ऐसी-ऐसी चीजें करोगे, जिससे लोग आपसे और दूर जाएं।” हालांकि, बाद में फारूक अब्दुल्ला ने अपने बयान को लेकर मीडिया को सफाई दी।

जम्मू कश्मीर को धरती के स्वर्ग से नर्क किसने बनाया: फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि उसने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का दर्जा घटा केंद्र शासित प्रदेश कर उसे नर्क में तब्दील कर दिया। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने इससे पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि ‘कश्मीर को जहन्नुम में जाने दो।’ कई समाचार चैनलों पर इस बारे में खबरें प्रसारित होने पर, अब्दुल्ला ने भाजपा से सवाल करते हुए स्पष्टीकरण दिया और पार्टी पर स्वर्ग को नर्क में तब्दील करने का आरोप लगाया।

भाजपा अब्दुल्ला सरकार और उनकी पूर्ववर्ती सरकारों पर जम्मू-कश्मीर की देखरेख सही तरीके से नहीं करने का आरोप लगाती रही है, जिसके कारण तत्कालीन राज्य में आतंकवाद बढ़ा था। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘द्रमुक द्वारा आत्म-निर्णय की मांग किये जाने के बाद अब फारूक ऐसा कह रहे हैं! महज इसलिए कि उच्चतम न्यायालय ने 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा, जिसने परिवारवाद (भाई-भतीजावाद) और पत्थरबाजी की राजनीति और पाकिस्तान परस्ती खत्म कर दी!’’

पूनावाला ने विपक्षी गठबंधन का जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह है इंडिया गठबंधन का असली चेहरा! वे (अनुच्छेद) 370 वापस चाहते हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। या फिर, विपक्षी गठबंधन को इस बयान की निंदा करनी चाहिए।’’ नेकां, ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।

अब्दुल्ला ने अपने स्पष्टीकरण में, जम्मू-कश्मीर का दर्जा घटाने और पूर्ववर्ती राज्य का विभाजन करने तथा पिछले चार वर्षों से चुनाव नहीं कराने जैसे मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कश्मीर में आग नहीं लगाई है। जम्मू-कश्मीर स्वर्ग था। इसे नर्क में किसने तब्दील कर दिया? क्या हम दिलों को जीत पाए हैं? अगर देश में कहीं भी चुनाव हो सकते हैं तो कश्मीर में क्यों नहीं?’’ उन्होंने मीडिया के एक वर्ग पर देश में नफरत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और सलाह दी कि मीडिया का इस्तेमाल दिल जीतने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कई दुश्मन हैं और इस समय इस तरह की नफरत फैलाने से हम केवल कमजोर होंगे।’’

इससे पहले दिन में, अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अनुच्छेद 370 के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने जाने पर निराशा जताते हुए यह कहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में, कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद अब्दुल्ला की यह प्रतिक्रिया आई है।



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