अभिषेक माथुर/हापुड़. जिले की हवाओं में इन दिनों गुड़ की महक तेजी से फैल रही है. भारी मात्रा में गन्ने के कोल्हू क्रैशर पर गुड़ तैयार किया जा रहा है. इसकी वजह है कि गुड़ की डिमांड देश के अलावा कई राज्यों में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक में है. लेकिन क्या आपको पता है कि गुड़ की ही तरह ही गुड़िया शक्कर को भी तैयार किया जाता है. गुड़िया शक्कर के फायदे की बात करें, तो जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
आपको बता दें कि हापुड़ जिले में कोल्हू क्रैशरों पर गुड़िया शक्कर को भारी मात्रा में तैयार किया जा रहा है. इसकी वजह है कि यह गुड़िया शक्कर आज भी गांव-देहातों में खाया जा रहा है, इतना ही नहीं, इसकी डिमांड विदेशों तक में है. गुड़िया शक्कर को चीनी का देसी वर्जन कहा जाता है. हापुड़ में बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव मुदाफरा में कोल्हू क्रैशर पर गुड़िया शक्कर को तैयार कर रहे कारीगर मोमिन ने बताया कि गुड़िया शक्कर खाने के बहुत फायदे हैं. यह आज भी गांवों-देहातों से लेकर विदेशों तक में खाया जा रहा है. यही वजह है कि उनके यहां काफी मात्रा में इसे तैयार किया जाता है.
कैसे बनता है गुड़िया शक्कर
मोमिन ने बताया कि गुड़िया शक्कर यानि देसी खांड को तैयार करने के लिए गन्ने के रस को गर्म कर गाढ़ा किया जाता है. उसके बाद इसे एक बड़े बर्तन में डाल कर काफी देर तक घुमाया जाता है. दूध और पानी की सफाई के बाद यह शक्कर तैयार होता है. गुड़िया शक्कर बनाने में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता.
कई बीमारियों के बचाता है गुड़िया शक्कर
आयुर्वेदाचार्य वरूण वैद्य ने बताया कि गुड़िया शक्कर यानि देसी खांड शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करती है. साथ ही खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे सेहत का भंडार बनाते हैं. इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. खांड में मौजूद आयरन खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा के लिए जरूरी है. बेहतर पाचन के लिए भी खांड बेहद फायदेमंद होती है. उन्होंने बताया कि महिलाएं गुड़िया शक्कर का इस्तेमाल घर में चीनी की तरह कर सकती हैं. इससे लस्सी, खीर, हलवा, चाय, दूध, और कई अन्य प्रकार की मिठाइयां बनाई जा सकती हैं. गुड़िया शक्कर की सहायता से आज भी मैथी और सोंठ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2023, 14:09 IST