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दूसरे चरण की बिहार शिक्षक भर्ती में बिहार लोक सेवा आयोग एनआईओएस डीएलएड डिग्री पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेगा। बीपीएससी ने गुरुवार को बीपीएससी टीआरई 2.0 रिजल्ट की गाइडलाइंस जारी की है जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है। गाइडलाइंस में वह शर्तें बताई गई हैं जिनके आधार पर 1.22 लाख पदों के लिए बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होगा। इसमें प्रावधान व शर्त वाले पैरा में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर 2023 को दिए आदेश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ( एनआईओएस ) से ओपन एवं डिस्टेंस मोड से 18 माह का डीएलएड कोर्स की मान्यता खत्म कर दी गई है। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली में कहा गया है कि किसी भी डिग्री की मान्यता पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की सलाह पर शिक्षा विभाग का फैसला अंतिम होगा।
नोटिस में आगे कहा गया, ‘फिर भी अगर इससे संबंधित किसी अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट या सक्षम न्यायालय का अन्यथा आदेश पारित होता है तो उसके फलाफल से परीक्षाफल प्रभावित होगा।’
इससे पहले आयोग ने वर्ग 1- 5 से संबंधित अभ्यर्थियों से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश पर सहमति व्यक्त करते हुए एडमिट कार्ड डाउनलोड करवाया था। बीपीएससी ने कहा था कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में डीएलएड की डिग्री मान्य है। अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षक जो दिनांक 10 अगस्त 2017 के पूर्व से कार्यरत है उनकी 18 माह की डीएलएड डिग्री मान्य होगी।
गौरतलब है कि 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा था कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा पाठ्यक्रम 2 साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी तथ्यों से जाहिर होता है कि एनआईओएस से 18 माह डीएलएड डिप्लोमा को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता नहीं दी है। कोर्ट इस फैसले से एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा धारक नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते।
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कक्षा एक से पांच के बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की संख्या तलब
शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच के शिक्षकों में कितने बीएड योग्यताधारी हैं, इसकी संख्या जिलों से मांगी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। पटना हाईकोर्ट के छह दिसंबर, 2023 को आए आदेश के आलोक में विभाग ने उक्त ब्यौरा जिलों से मांगा है। मालूम हो कि छह दिसंबर को पटना हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों (कक्षा एक से पांच) के लिए बीएड की डिग्री को सक्षम नहीं माना था। कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक कक्षा के लिए डीएलएड डिग्री ही मान्य है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिये गये आदेश के आलोक में ही हाईकोर्ट ने यह फैसला किया है।