Home National मुरादाबाद ने निभाई थी राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका, कैसे एक सम्मेलन से शुरू हो गई थी चर्चा, जानें इतिहास

मुरादाबाद ने निभाई थी राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका, कैसे एक सम्मेलन से शुरू हो गई थी चर्चा, जानें इतिहास

0
मुरादाबाद ने निभाई थी राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका, कैसे एक सम्मेलन से शुरू हो गई थी चर्चा, जानें इतिहास

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

यूं तो करोड़ों राम भक्तों को अयोध्या में दिव्य और भव्य राम मंदिर बनने की खुशी है। इंतजार है उन पलों का जब बाल रूप में राम लला प्राण प्रतिष्ठा के साथ गर्भ ग्रह में विराजेंगे। पूरी दुनिया के साथ ही इस गौरवमयी पल के उल्लास में मुरादाबाद भी डूबने को तैयार है। पांच सौ वर्षों से जिस गौरवमयी पल का इंतजार लोगों को था, उसका बीजारोपण वर्ष 1982 में मुरादाबाद में हुआ था। राम मंदिर आंदोलन को देशव्यापी बनाने में दिनेश चंद्र त्यागी ने अहम भूमिका निभाई थी। दिनेश चंद्र त्यागी छात्र जीवन से ही संघ से जुड़ गए थे। उन्होंने वर्ष 1980 में सिविल लाइन्स में पं. शंभूनाथ सरस्वती शुशि मंदिर की नींव डाली। 1982 तक स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहने के दौरान वह राम मंदिर आंदोलन को लेकर बहुत आगे की सोच चुके थे। गैर दलों के भाजपा नेताओं को उन्होंने एक साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे मुरादाबाद के दाऊ दयाल खन्ना के माध्यम से उन्होंने 6 मार्च 1983 को मुजफ्फर नगर में हुए विराट हिन्दू सम्मेलन में राम मंदिर का मुद्दा उठाया।

इसी सम्मेलन में मथुरा और काशी का मुद्दा भी उठाया गया था। उस कार्यक्रम में कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा मुख्य अतिथि थे। इतने बड़े मंच पर राम मंदिर का मुद्दा उठन से यह सम्मेलन समूचे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना था।

महंत अवेद्य नाथ के साथ राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को दी धार

राम मंदिर आंदोलन की मंच से बात उठी तो आंदोलन धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा। आंदोलन को गति देने के लिए समिति बनाई गई। बात 1984 की है। राम जन्म भूमि आंदोलन समिति बनाई गई और उसमें गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्य नाथ अध्यक्ष बने। दाऊदयाल खन्ना महामंत्री और दिनेश चंद्र त्यागी मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार दी। शिला पूजन, ज्योति यात्रा, कलश पूजन जैसे तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से पब्लिक में माहौल बनाया। जन जन में अलग जगाने को जो जतन उस वक्त किए गए गैर भाजपा सरकार में काफी मुश्किल था पर उन्होंने इसकी परवाह किए बिना तमाम हिन्दुओं के बीच आंदोलन को धार दी। 

बस एक ही सपना रहा, राम लला अपने भवन में पहुंचें

राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का बीजारोपण करने वाले दिनेश चंद्र त्यागी भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के इस गौरवमयी पल को देखने के लिए भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मरते दम तक उनके दिल में राम रहे। गोलोकवासी होने से करीब एक साल पहले उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत में अपने उद्गार व्यक्त करते समय बेहद भावुक हो गए थे। वह 31 जुलाई 2020 का दिन था। सिविल लाइन्स स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हिन्दुस्तान ने उनसे बातचीत शुरू की तो उम्र के आखिरी पड़ाव में भी राम मंदिर का जोश जैसे हिलोरें मारने लगा। पांच दिन बाद ही यानि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को अयोध्या में राम लला परिसर में भूमि पूजन करने जाना था। दिनेश चंद्र त्यागी उस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं थे पर उन्हें इस बात का मलाल नहीं था। सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जो सपना देखा वह साकार होने जा रहा है यही मेरे लिए सबसे खास पल है। मेरी इच्छा है कि जीते जी राम मंदिर का भव्य निर्माण देख सकूं। वह पल मेरे सामने आ जाए जब रामलला अपने भवन में बिराजें। आंदोलन के दिनों की बातें साझा करते हुए उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े थे। राम लला उनके सामने मंदिर में नहीं विराज सके और वह यह सपना लिए ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। दिनेश चंद्र त्यागी 24 जुलाई 2021 में चल बसे। मेरठ के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली और उनका अंतिम संस्कार मुरादाबाद में हुआ।

मुरादाबाद लोकसभा से 84 में चुनाव भी लड़े पर सफल नहीं हो सके

दिनेश चंद्र त्यागी 1984 में ही मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने उतरे पर सफल नहीं हो सके। जनसंघ से छात्रजीवन में ही जुड़ने के बाद प्रचारक तक के सफर में वह काफी सक्रिय रहे। संघ के सर संघ चालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के संपर्क में आकर वह सक्रिय हुए थे। 1970 में वह मेरठ में संघ के प्रचारक बने। बाद में विश्व हिंदू परिषद में रहे। हिंदू जागरण मंच और हिंदू महासभा में वह तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रहे। मुरादाबाद से वर्ष 1984 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा के चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए।

लोग नहीं भूले उनकी शैली, देश भर में चर्चित रहे

भौतक विज्ञान से परास्नातक की डिग्री लेकर उन्होंने अध्यापन कार्य भी किया। मंडी धनौरा तहसील (अब अमरोहा जिला) में पेली कपसुआ गांव में 1943 में एक किसान परिवार में जन्मे दिनेश चंद्र त्यागी अमरोहा से लेकर देश भर में राम मंदिर आंदोलन को लेकर चर्चा में रहे। उन्होंने गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की उसके बाद मंडी धनौरा से जूनियर हाई स्कूल, चांदपुर से इंटर करते हुए बड़ौत से प्रयागजार तक शिक्षा ग्रहण की। 

दिनेश चंद्र त्यागी के बारे में 

1970 में मेरठ और मुरादाबाद विभाग के विभाग प्रचारक रहे इससे पहले मुरादाबाद के जिला प्रचारक रहे।

हिन्दू महासभा के 11 वर्ष तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहकर हिन्दुत्व को धार देने में जुटे रहे, विश्व हिन्दू महासंघ के अंतर्राष्ट्रीय सचिव भी बने। 

1984 में मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा पर कांग्रेस से हार गए, इसी साल राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन से जुड़े। 

सांस्कृतिक गौरव संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री 2021 तक रहे। 1980 में शंभूनाथ सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की। 

हिन्दू समाज के तथ्य और रहस्य दो भाग में पुस्तकें भी लिखीं देश भर में कई शिशु मंदिर की स्थापना में योगदान दिया।

[ad_2]

Source link