Saturday, December 14, 2024
Google search engine
HomeNationalअयोध्या में जन्मभूमि पर विराजमान हुए रामलला, सामने आई पहली तस्वीर

अयोध्या में जन्मभूमि पर विराजमान हुए रामलला, सामने आई पहली तस्वीर


ऐप पर पढ़ें

श्रीरामजन्मभूमि में रामलला की प्रतिष्ठा के लिए पांच सौ साल की प्रतीक्षा का अंत गुरुवार को उस समय हो गया, जब उन्हें नए मंदिर के गर्भगृह में कूर्म शिला पर प्रतिष्ठित कर दिया गया। श्याम शिला से निर्मित रामलला का विग्रह उसी शिला से बने कमल दल पर विराजित किया गया है। पांच वर्ष के बालक स्वरूप रामलला की लंबाई 51 इंच है जबकि आधार समेत उनकी ऊंचाई सात फिट दस इंच है। फिलहाल रामलला की प्रतिमा के मुख और हाथों को पीले कपड़े से ढंका गया है। कहा जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन यानी 22 जनवरी को ही इसे खोला जाएगा। पौष शुक्ल अष्टमी पर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य रामलला के अचल विग्रह की प्रतिष्ठा अपराह्न 01.41 बजे के बाद की गई। बताया गया कि 01.41 तक भद्रा थी। शास्त्र भद्रा काल में मांगलिक कार्यों का निषेध करता है। इसके साथ ही गर्भगृह में अन्य अनुष्ठान भी शुरू हो गए।

अयोध्या के राममंदिर में कमलदल पर जन्मभूमि में विराजमान हुए रामलला, देखिए अनुष्ठान की तस्वीरें

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी एवं पेजावर मठ उडप्पी, कर्नाटक के पीठाधीश्वर स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ ने बताया कि रामलला के आसन को स्वर्ण मंडित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसकी तैयारी है लेकिन अभी प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मुख्य लक्ष्य है। रामलला पाषाण खंड से निर्मित कमल दल पर ही खड़े हैं। इस कमल दल और प्रभावली (देवता का आलोकित आभामंडल) के कारण ही विग्रह का वजन डेढ़ कुंतल हो गया है। स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए बुधवार को अयोध्या पहुंचे और गुरुवार को हुए अनुष्ठान में सहभागी बने।

पांच सौ साल का इंतजार खत्म, देर रात जन्मभूमि पहुंची श्यामल प्रतिमा

गणपति पूजन से प्रारंभ

श्रीरामजन्म भूमि के गर्भगृह में रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लेकर सर्वप्रथम गणपति का पूजन किया गया। इसके बाद वरुण पूजन, मातृका पूजन, वसोर्धारा पूजन आदि कार्यक्रम किए गये। काशी के शास्त्रज्ञ व ज्योतिषाचार्य पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ व सप्त दिवसीय अनुष्ठान के प्रतिष्ठाचार्य पं लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में चल रहे सभी वैदिक कर्मकाण्ड प्रमुख यजमान डॉ. अनिल मिश्र व उनकी धर्मपत्नी उषा मिश्रा ने किया। इस दौरान चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन के साथ श्रीमदवाल्मीकि रामायण, श्रीमद आध्यात्म रामायण, भुसुंडि रामायण व आनंद रामायण का भी पारायण चल रहा है।

आज के हवन का शुभारंभ

यज्ञ मंडप के चारों द्वारों का वेदमूर्ति पूजन व चतुर्वेद पारायण के अलावा और यज्ञमंडप के षोडश स्तंभों का पूजन व देवताओं का आह्वान,  अरणि मंथन से यज्ञ कुंड में अग्निदेव का प्राकट्य तदुपरांत यज्ञ कुंड में हवन का शुभारम्भ होगा।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments