Home Health सर्दी में ब्रांडी-रम पीने से कोल्ड-कफ नहीं होगा? जानें गंगाराम हॉस्पिटल के को-चेयरमैन डॉ. कक्कड़ की सलाह

सर्दी में ब्रांडी-रम पीने से कोल्ड-कफ नहीं होगा? जानें गंगाराम हॉस्पिटल के को-चेयरमैन डॉ. कक्कड़ की सलाह

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सर्दी में ब्रांडी-रम पीने से कोल्ड-कफ नहीं होगा? जानें गंगाराम हॉस्पिटल के को-चेयरमैन डॉ. कक्कड़ की सलाह

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सर्दी के सीजन में हममें से कई लोग कफ और जुकाम से जूझ रहे हैं. ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग रम या ब्रांडी का सेवन करने की सलाह देते हैं. इतना ही नहीं जो लोग इसका सेवन करते हैं वे इसके फायदे गिनाने से थकते भी नहीं हैं. लेकिन, सच्चाई किसी को नहीं पता. आखिर रम या ब्रांडी हमारे लिए फायदेमंद हैं या नहीं, यही जानने के लिए हमने गंगाराम अस्पताल के मेडिसीन विभाग के को-चेयरमैन डॉ. अतुल कक्कड़ से बात की. दरअसल, ऐसी धारण है कि रम की तासीर गर्म होती है. इसको पीने से कफ, सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल राहत मिलती है. कई रिपोर्ट्स में तमाम तरह के दावे किए जाते रहे हैं.

सर्दी में ब्रांडी या रम पीने की दी जाती है सलाह
रम, गन्ने के बाइप्रोडक्ट से बनाया जाता है. यह एक तरह का डिस्टिल्ड एल्कोहलिक ड्रिंक है. ब्रांडी भी एक स्ट्रांग एल्कोहलिक ड्रिंक है, जिसे फ्रूट ज्यूस या डिस्टिल्ड वाइन से बनाया जाता है. सर्दी के मौसम में शराब पीने के शौकीन लोग ब्रांडी व रम पर शिफ्ट हो जाते हैं. उनका तर्क रहता है कि ये दोनों ड्रिंक्स गर्म होते हैं और नियमित रूप से लेने से आपकी बॉडी में गर्माहट आ जाती है. ऐसे भी दावे किए जाते हैं कि रम या ब्रांडी पीने से जोड़ों में दर्द यानी ओस्टेओपोरोसिस (osteoporosis) या अर्थराइटिस ( arthritis) में राहत मिलती है. यह भी कहा जाता है कि इन ड्रिंक्स को लेने से बोन मिनरल डेंसिटी बेहतर होती है.

हार्ट के हेल्दी रहने के भी दावे
रम और ब्रांडी को लेकर कथिततौर पर किए गए तमाम रिसर्च में भी ये दावे किए गए हैं कि इससे हार्ट की सेहत ठीक रहती है. इसके सेवन से सर्दी में धमनियों (artery) में रक्त का प्रवाह बेहतर रहता है. आर्टेरी में ब्लॉकेज की संभावना कम हो जाती है. इससे सर्दी में हार्ट अटैक की संभावन कम हो जाती है.

सांस की दिक्कत दूर होने और बॉडी में गर्माहट के दावे
पीने वालों यह भी दावा है कि सर्दी में ब्रांडी या रम पीने से आपकी बॉडी के अंदर गर्माहट आ जाती है. यहां तक भी दावे किए जाते हैं कि बच्चों को शहद में ब्रांडी मिलाकर दिया जाता है ताकि उनकी बॉडी में गर्माहट आ जाए. एक दावा यह भी है कि सर्दी में सांस की कई दिक्कतों का इलाज ब्रांडी या रम है. क्योंकि इसमें एंटी फ्लामेटरी प्रोपर्टी होती है. कहा जाता है कि एल्कोहल से हमारे नाक में जमें चिपपिपे पदार्थ साफ हो जाते हैं और इसके साथ ही बैक्टेरिया भी निकल जाते हैं.

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दावे, दावे होते हैं साइंस नहीं
रम और ब्रांडी को लेकर ये जितने भी दावे हैं उनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इन्हीं दावों को समझने के लिए हमने सर गंगाराम अस्पताल के मेडिसीन विभाग के को-चेयरमैन डॉ. अतुल कक्कड़ से बात की. डॉ. कक्कड़ बताते हैं कि मेडिकली कोई भी डॉक्टर यह सलाह नहीं दे सकता है कि आप रम या ब्रांडी लीजिए. कंजेशन वाले पेसेंट को तो बिल्कुल ही नहीं लेना चाहिए. कंजेशन का मतलब यह है कि आपने सीने में कफ का जकड़न हो जाए और खासी-सर्दी से आप परेशान हों. डॉ. अतुल कहते हैं कि ऐसे पेसेंट की एम्युनिटी वैसे भी कम होती है.

रम या ब्रांडी लेने से एम्युनिटी और कमजोर होती है. इनके लिए तो यह नुकसानदायक ही होगा. उनका कहना है कि एल्कोहल लेने से एक तरह की गर्मी तो मिलती है. लेकिन यह गर्मी बहुत कम समय के लिए होती है. बाद में यह गर्मी भी नुकसान ही करती है. इसीलिए कोई भी डॉक्टर मेडिकली किसी को भी किसी तरह से एल्कोहल लेने की सलाह नहीं दे सकता. यह पूरी तरह से मिथ है. पीने वालों को किसी न किसी तरह का बहाना चाहिए. यह भी एक बहाना है. सच्चाई से इसका कुछ लेना-देना नहीं है. अगर किसी को कफ हो तो उसे बिल्कुल भी एल्कोहल नहीं लेना चाहिए.

बेहतर महसूस होता, लेकिन यह वास्तविकता नहीं
डॉ. कक्कड़ कहते हैं कि मरीज इसलिए एल्कोहल लेते हैं ताकि उनको बेहतर की फिलिंग (Feeling of well being) आती है. लेकिन सही मायने में ऐसा कुछ होता ही नहीं है. उनको लगता है कि ड्रिंक अच्छा है सूदिंग (soothing) यानी आराम पहुंचाने वाला है, गर्म है, लेकिन यह नुकसान ही करता है.

हेल्दी पर्सन लेगा तो क्या उसको कोल्ड-कफ नहीं होगा?
बिल्कुल यह लगत है. एक हेल्दी पर्सन एक सीमित मात्रा में एल्कोहल ले सकता है. लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि कोई एल्कोहल लेता रहे तो उसे कोल्ड या कफ नहीं होगा. इस चीज को हमें बिल्कुल प्रमोट नहीं करना चाहिए. यह बिल्कुल गलत है.

चेस्ट या बोन किसी के लिए भी ठीक नहीं होता एल्कोहल
एल्कोहल किसी भी बॉडी पार्ट्स के लिए ठीक नहीं है. इससे इम्युनिटी कमजोर होती है. एल्कोहल चेस्ट या बोन के लिए अच्छा होता है, यह कहना बिल्कुल गलत है. सच्चाई यह है कि एल्कोहल एक रिस्क फैक्टर है. इससे ऑस्टोपीनिया (osteopenia) या ऑस्टेओपोरोसिस (osteoporosis) का खतरा बढ़ जाता है. इससे हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और वह आसानी से टूट सकती हैं. दरअसल, जो शराबी होते हैं उनमें लीवर सिरोसिस (liver cirrhosis) की बमारी होती है और ऐसे लोगों में एल्कोहल की वजह से बोन्स और मांसपेशिया (mussels) दोनों कमजोर पड़ जाती हैं. एल्कोहल और घातक है.

Tags: Alcohol, Gangaram Hospital, Illegal alcohol

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