Monday, February 3, 2025
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अशोक गहलोत से टकराव के कारण हारे राजस्थान चुनाव? सचिन पायलट ने आप की अदालत में बताया – India TV Hindi


Image Source : INDIA TV
‘आप की अदालत’ में कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट

इंडिया टीवी के सुपरहिट शो ‘आप की अदालत’ में इस बार कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने शिरकत की। इस दौरान रजत शर्मा ने सचिन पायलट से राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बारे में पूछा कि आपकी पार्टी के नेता कहते हैं कि अगर आप अशोक गहलोत से नहीं टकराते और दोनों मिलकर चुनाव लड़ते तो शायद ऐसी हालत नहीं होती। इसपर सचिन पायलट ने कहा कि हमलोग तीनों राज्यों में हारे। मुझे बड़ा खेद है और दुख भी है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हम चुनाव हार गए।

“2013 में 21 सीटें आई थीं, उसके लिए तो मैं जिम्मेदार नहीं था”

राजस्थान में हार के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं और 2023 के चुनाव में हम 70 सीटें जीत सके। जहां तक इस आरोप का सवाल है कि मेरी वजह से पार्टी हारी, तो मैं स्पष्ट कर दूं कि 2013 में हमारी पार्टी ने केवल 21 सीटें जीती थी। तब तो हार के लिए मैं जिम्मेदार नहीं था? यह कहना बड़ा आसान है और अगर हम चुनाव जीत जाते, तो फिर क्या बोलते? इस चुनाव में हम सबने मिलकर मेहनत की।

“हमारा वोट प्रतिशत बीजेपी से केवल 1.5 प्रतिशत कम”

पायलट ने आगे कहा कि 30 साल से राजस्थान में पांच साल BJP तो 5 साल कांग्रेस की परिपाटी है। तो हम लोगों ने कहा कि इस परिपाटी को तोड़ने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए और हमारे कुछ मुद्दे थे, मैं इसको स्वीकार करता हूं। लेकिन हमने फिर बैठकर बात की। खरगे जी, राहुल जी, हम सब बैठे। लेकिन दुर्भाग्यवश हम लोग जनता को विश्वास नहीं दिला पाए। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि हमारा जो वोट प्रतिशत है वह कम नहीं हुआ। हमें करीब 40 प्रतिशत वोट मिले जो कि बीजेपी से 1.5 प्रतिशत कम है। तो ऐसा नहीं है कि हम लोग चुनाव पूरी तरह हारे हैं। या हमारा मनोबल गिरा है। ठीक है, हार जीत होती है। 200 सीटों में से हम 70 जीत पाए।

“तीन हफ्ते के अंदर उपचुनाव हारी बीजेपी”

इतना ही नहीं आप की अदालत में सचिन पायलट ने बताया कि चुनाव खत्म होने के बाद वहां सरकार तो बीजेपी की बन गई। लेकिन तीन हफ्ते के अंदर उपचुनाव (करणपुर) हुआ। इस उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार (सुरेंद्र पाल सिंह), जिन्हें बीजेपी ने मंत्री बना दिया था, कांग्रेस उम्मीदवार (रूपिंदर सिंह कूनर) से करीब 12 हजार वोटों से हार गए। तो जनता ने तीन हफ्ते के अंदर दिखाया कि जो एमएलए भी नहीं थे उन्हें मंत्री तो बना दिया फिर भी चुनाव हार गए। हम सब वहां चुनाव प्रचार करने गए थे।

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