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कल्किधाम निर्माण पर आठ वर्ष पहले जिन्होंने पाबंदी लगाई थी। उन्हें उनके गुनाह के लिए माफ करते हैं। अखिलेश यादव मंदिर निर्माण पर पाबंदी नहीं लगाते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करने के लिए नहीं आते। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शनिवार को कल्किधाम में यह बातें कहीं। 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल्किधाम का शिलान्यास करेंगे। शनिवार को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वर्ष 2016 में सात नवंबर को कल्किधाम का शिलान्यास हो रहा था, लेकिन शिलान्यास से पहले छह नवंबर की रात को जिला प्रशासन ने गर्भगृह के इर्द-गिर्द पुलिस फोर्स तैनात कर दी थी और मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी।
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंदिर बन रहा है। जिन्होंने मंदिर निर्माण पर पाबंदी लगाई थी। जिनकी सरकार थी। उन्हें उनके गुनाह के लिए माफ करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें सद्बुद्धि दें। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं न बदला हूं और न ही बदलूंगा, सनातन का था, हूं और रहूंगा। सनातन के बगैर भारत की कल्पना ही व्यर्थ है। राजनीति और सत्ता का खेल बहुत छोटा है, सनातन बड़ा है।
राम का निमंत्रण ठुकराने वाले कल्किधाम का निमंत्रण कैसे स्वीकार करेंगे
संभल। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हिन्दुस्तान से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका के साथ ही सोनिया गांधी, विवेक तल्खा, सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, खड्गे समेत तमाम कांग्रेस के नेताओं को कल्किधाम शिलान्यास के लिए निमंत्रण भेजा है, लेकिन जिन्होंने श्रीराम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया। वह कल्किधाम का निमंत्रण कैसे स्वीकार करेंगे।