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Future Gaming Owner: इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की सूची भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बॉन्ड खरीदने की जानकारी आयोग को दे दी थी। खास बात है कि इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी का नाम Future Gaming and Hotel Services Private Limited है। कभी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच की आंच झेल चुकी इस कंपनी ने 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का दान दिया है। इस कंपनी को सैंटियागो मार्टिन चलाते हैं, जिन्हें ‘लॉटरी किंग’ के नाम से भी जाना जाता है।
कौन हैं सेंटियागो मार्टिन
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में मार्टिन के चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के हवाले से बताया गया है कि उन्होंने म्यांमार के यांगोन में एक मजदूर के तौर पर काम की शुरुआत की थी। इसके बाद साल 1988 में वह भारत लौट आए और दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में लॉटरी का बिजनेस शुरू किया। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक और केरल का रुख किया और फिर पूर्वोत्तर पहुंच गए।
बड़े-बडे़ कारोबारी पीछे छूटे, लॉटरी वाली कंपनी ने खरीदे सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड
पूर्वोत्तर में उन्होंने सरकारी लॉटरी योजनाओं पर काम करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने काम को भारत से बाहर भूटान और नेपाल में भी बढ़ाया। लॉटरी के अलावा सेंटियागो ने कंस्ट्रक्शन, रियल ऐस्टेट, टेक्सटाइल्स और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार किया।
रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट पर बताया गया है, ‘वह ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलायज इंडसट्रीज के अध्यक्ष भी हैं। यह संगठन भारत में लॉटरी के कारोबार को बेहतर बनाने और विश्वसनीयता को बढ़ाने का काम करता है। उनकी अगुवाई में Future Gaming Solutions India Pvt. Ltd. वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन की सदस्य बन गई और ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो और स्पोर्ट्स बैटिंग में विस्तार कर रही है।’
जिस कंपनी के पीछे ED लगी, उसने दिया सबसे ज्यादा चंदा; खरीदे इतने करोड़ के बॉन्ड
कितना दिया चंदा
आंकड़े बता रहे हैं कि इस कंपनी ने साल 2019 और 2024 के बीच 1368 करोड़ रुपये का दान दिया है। साल 2019 से ही ED यानी प्रवर्तन निदेशालय PMLA कानून के उल्लंघन के आरोपों को लेकर कंपनी की जांच कर रहा है। मई 2023 में कंपनी के कोयंबटूर और चेन्नई ठिकानों पर रेड भी हुई थी।