
6 power packed flour for every season: हर दिन आप रोटी खाते होंगे. भारत में चावल दाल के साथ ही रोटी सब्जी, रोटी दाल लोगों का मुख्य भोजन है. हर दिन यहां गेहूं के आटे की रोटी लोग जरूर खाते हैं. ये अनाज सेहत के लिए बेहद पौष्टिक और हेल्दी होता है. हालांकि, आप गेहूं के आटे में कुछ अन्य अनाजों के आटा मिलाकर भी खा सकते हैं. आपको कुछ ऐसे ही पौष्टिक आटे के बारे में बता रहे हैं, जिसे इंडिया में खूब खाया जाता है. ये ऐसे आटा हैं, जिसे आप किसी भी मौसम में खा सकते हैं. खास बात ये है कि ये सभी ग्लूटेन फ्री भी हैं.
6 आटा जो सेहत के लिए हैं बेहद फायदेमंद
गेहूं का आटा
गेहूं का आटा सबसे ज्यादा भारत में लोग खाते हैं. इससे रोटी, पराठा, पूड़ियां बनाईं जाती हैं. यह साबुत गेहूं से तैयार आटा है, जिसमें फाइबर भरपूर होता है. आयरन, मैग्नीशियम भी काफी होता है. नान, रोटी, पूड़ी, पराठा के लिए बेस्ट आटा है. गेहूं के आटा का इस्तेमाल 12 महीने लोग करते हैं.
चावल का आटा
पॉलिश या उबले हुए चावल से बनता है चावल का आटा. ये ग्लूटेन-फ्री और लाइट आटा होता है, जो दक्षिण भारत का मुख्य फूड आइटम है. यह आटा काफी महीन और हल्का होता है. इससे लोग मुरुक्कु, अप्पम, डोसा, इडली बनाने के साथ ही ग्रेवी भी गाढ़ा करते हैं. पेट के लिए हेल्दी है ये आटा, जिसे गर्मियों में खाना चाहिए. दक्षिण भारतीय और तटीय व्यंजनों में प्रमुख होता है, खासतौर से तमिलनाडु और कर्नाटक में.
काले चने का आटा (बेसन)
बेसन काले चने को पीसकर बनाया जाता है. यह प्रोटीन से भरपूर और ग्लूटेन फ्री होता है. बेसन का स्वाद हल्का नटी होता है. आमतौर पर बेसन का इस्तेमाल हलवा, पकोड़े, चीला,लड्डू, ढोकला, गट्टे की सब्जी आदि बनाने के लिए किया जाता है. बेसन का सेवन करना भी सेहत को कई लाभ देता है.
रागी का आटा
पोषक तत्वों से भरपूर होता है रागी का आटा. इसमें कूलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं. आयरन, कैल्शियम, फाइबर से भरपूर होता है. इसका टेस्ट वैसे काफी सादा लग सकता है, लेकिन बेहद पौष्टिक होती हैं इस आटे की बनी रोटियां. डोसा, रोटी, बेक्ड गुड्स आदि इससे बनाया जाता है. जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, हेल्थ को लेकर काफी अलर्ट रहते हैं, उनके लिए ये हेल्दी आटा है. इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता है. कैल्शिमय हड्डियों को स्वस्थ रखता है.
ज्वार का आटा
ये ग्लूटेन-फ्री होता है. प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ज्वार के आटे का स्वाद हल्का मीठा होता है. ग्लूटेन-सेंसिटिव डाइट का यह एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.ज्वार भी कूल होता है, जिसे गर्मी के मौसम में खा सकते हैं. फाइबर हाई मात्रा में होता है, जो पाचन में मदद करता है. गर्मियों के लिए ज्वार का आटा पसंदीदा हो सकता है.
बाजरे का आटा
पर्ल मिलेट से बना ये आटा उत्तर भारत में सर्दियों में खूब खाया जाता है. यह गर्म, नट्टी फ्लेवर का होता है, जिसमें आयरन, फाइबर काफी होते हैं. रोटी, खिचड़ी, थेपला आदि बनाने के लिए खूब इस्तेमाल होता है.
मौसमी आटे का सेवन क्यों करना चाहिए?
जब आप सीजनल आटे से बनी रोटियों या अन्य चीजों का सेवन करते हैं तो गर्मी में शरीर का तापमान रेगुलेट होता है.वहीं, गर्म अनाज से बने आटे का सेवन करने से जैसे मक्के, बाजरा आदि सर्दियों में एनर्जी को बनाए रखते हैं. साथ ही ये सभी अनाज पोषक तत्वों का खजाना होते हैं, जो पाचन तंत्र, इम्यूनिटी और संपूर्ण स्वास्थ्य को सपोर्ट करते हैं.