
[ad_1]
Last Updated:
Bore Bssi Khane Ke Fayde: बोरे बासी केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान भी है. यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. बोरे बासी रात के बचे हुए चावल को पानी में भिंगोकर सुबह कच्चा प्याज, नमक, श…और पढ़ें

बोरे बासी
हाइलाइट्स
- बोरे बासी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान है.
- गर्मी में बोरे बासी शरीर को ठंडक और लू से बचाव करता है.
- बोरे बासी पाचन में सहायक और भूख बढ़ाने में मददगार है.
रायपुर. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में सुबह की शुरुआत बोरे बासी से होना एक सामान्य परंपरा है, लेकिन इस देहाती भोजन की महत्ता केवल परंपरा तक सीमित नहीं है. गर्मी के मौसम में बोरे बासी का सेवन न केवल स्वादिष्ट बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है. यह व्यंजन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबका प्रिय है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.
दरअसल, बोरे बासी रात के बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर सुबह सेवन करने की परंपरा है. इसमें आमतौर पर चावल, पानी, कच्चा प्याज, नमक, शक्कर और कभी-कभी दही भी मिलाया जाता है. गर्मी के मौसम में यह व्यंजन शरीर को ठंडक प्रदान करता है और लू से बचाव करता है.
शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में है मददगार
राजधानी रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह बताते हैं कि बोरे बासी आयुर्वेद के दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी है. उनके अनुसार, जब चावल को रातभर पानी में भिगोकर रखा जाता है, तो उसकी गर्मी कम हो जाती है और वह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है. पानी में डूबे चावल में हल्का अम्लीय गुण विकसित होता है जो भोजन को रुचिकर बनाता है और पाचन में भी सहायता करता है. उन्होंने आगे बताया कि गर्मी के दिनों में आमतौर पर लोगों की भूख कम हो जाती है, लेकिन अम्ल रस वाले भोज्य पदार्थ भूख को बढ़ाते हैं. बोरे बासी में प्राकृतिक रूप से यह गुण पाया जाता है. साथ ही, चावल में मौजूद शुगर और हल्का एसिड शरीर की कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक होते हैं.
लू की जोखिम कम करने में है सहायक
गर्मी के मौसम में लू लगना एक आम समस्या है, लेकिन बोरे बासी के साथ कच्चा प्याज खाने से यह जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है. प्याज की तासीर ठंडी होती है और यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है. यदि बोरे बासी में थोड़ी मात्रा में शक्कर और नमक भी मिला दिया जाए, तो यह शरीर के लिए एक प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट की तरह कार्य करता है, जो शरीर में पानी की कमी को दूर करता है.
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान है बोसे बासी
बोरे बासी केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान भी है. यह बताता है कि कैसे पारंपरिक भोजन स्वास्थ्य के लिए आधुनिक विज्ञान से भी अधिक फायदेमंद हो सकता है. बदलते दौर में जहां फास्ट फूड और पैकेज्ड खाने की आदतें बढ़ रही हैं, वहीं बोरे बासी जैसे देसी व्यंजन आज भी स्वास्थ्य का सबसे सरल और सस्ता उपाय बने हुए हैं. इस गर्मी में यदि आप भी शरीर को अंदर से ठंडक देना चाहते हैं और लू से बचाव करना चाहते हैं, तो बोरे बासी को अपने नाश्ते का हिस्सा बना सकते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
[ad_2]
Source link