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Donald Trump On Kashmir: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की. इसके तुरंत बाद उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भी मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा. हालांकि, भारत के कड़े ऐतराज के बाद नरम र…और पढ़ें
कश्मीर मुद्दा पर ट्रंप के मंत्री के बदले सुर.
India-Pakistan kashmir Issue: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर अपनी तारीफ करते हुए थक नहीं रहे. मगर, भारत ने उनके बयान के बाद ही साफ कर दिया था कि सीजफायर का असली वजह अमेरिका नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ बातचीत था. दरअसल, ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर सीजफायर को लेकर भारत और पाकिस्तान की तारीफ की. साथ ही साथ कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का संकेत दिया. भारत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे आंतरिक मुद्दा बताया और कहा कि इसका समाधान द्विपक्षीय वार्ता से ही संभव है. भारत के ऐतराज के बाद ट्रंप के मंत्रियों के भी सुर बदलते नजर आए.
ट्रंप के कश्मीर वाले बयान और भारत के कड़े ऐतराज के बाद व्हाइट हाउस के विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस का बयान आया. उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए समर्थन व्यक्त किया और दोनों देशों के बीच बातचीत में सुधार के लिए लगातार प्रयासों को प्रोत्साहित किया.” हालांकि, ट्रंप के बयान के एक दिन बाद विदेश विभाग का यह बयान आया. इससे पहले ट्रंप ने कहा था, “मैं दोनों महान देशों के साथ मिलकर काम करूंगा, ताकि शायद ‘हजार सालों’ बाद कश्मीर का हल निकाला जा सके.” इस पर भारत ने विरोध जताया था.
ट्रंप ने क्या कहा था?
ट्रंप का पहला बयान भारत-पाकिस्तान के सीजफायर को लेकर आया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर लिखा था, “मैं भारत-पाकिस्तान के मजबूत और समझदार नेतृत्व की सराहना करता हूं. समय रहते इन्होंने अपनी बुद्धि और धैर्य से काम लिया. यह समझ लिया कि लड़ाई रोकना जरूरी है क्योंकि युद्ध से विनाशकारी परिणाम मिल सकते थे. लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे. आपके इस साहसी फैसले से आपका नाम और सम्मान बढ़ा है.”
भारत का विरोध
कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव सीजफायर का श्रेय लेने के बाद ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा. उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर समस्या को हजार साल पुराना बताते हुए कहा कि वह इसे हल करने में दोनों देशों की मदद कर सकते हैं. हालांकि, भारत ने इसका कड़ा विरोध किया.
भारत ने क्या कहा?
कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख साफ है. वह किसी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं चाहता. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, “कश्मीर पर हमारी नीति बेहद साफ है. कश्मीर पर अब कोई विवाद नहीं बचा है. केवल एक ही मुद्दा शेष है, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी. हम पाकिस्तान से सिर्फ इसी विषय पर बात करेंगे. इसमें तीसरे देश की मध्यस्थता जरूरी नहीं है, यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है. इस पर केवल पाकिस्तान के साथ ही बात हो सकती है.”

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें