
Bihar News: मोक्ष, ध्यान और अध्यात्म की धरती के रूप में प्रसिद्ध गया अब खेलों के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के तहत पहली बार गया में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का सफल आयोजन किया गया. इस आयोजन ने इस ऐतिहासिक शहर को खेलों के बेहतरीन आयोजन स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है.
सभी प्रतियोगिताओं का भव्य समापन
देश के 18 से अधिक राज्यों से आए युवा खिलाड़ियों ने गया और बोधगया के माहौल में खेल और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखा. बिपार्ट (बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान) और आईआईएम बोधगया के परिसर में तैराकी, खो-खो, थानगटा, योग, गतका, मलखम और कलारीपट्टु जैसे पारंपरिक व आधुनिक खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं. 14 अगस्त को इन सभी प्रतियोगिताओं का भव्य समापन हुआ.
बिपार्ट का खेल परिसर राष्ट्रीय स्तर का
बिपार्ट का खेल परिसर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. यहां बना अंतरराष्ट्रीय स्तर का 30 मीटर लंबा स्वीमिंग पूल खेल प्रेमियों के लिए नया अनुभव बना. इसके अतिरिक्त इंडोर स्टेडियम ‘मेजर ध्यानचंद खेल परिसर’ में बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्नूकर और शूटिंग रेंज की सुविधाएं खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध रहीं. भविष्य में घुड़सवारी की शुरुआत की भी योजना है. बोधगया स्थित आईआईएम परिसर में जर्मन हैंगर लगाकर प्रतियोगिताएं कराई गईं, जहां बिना स्थायी ढांचे के भी बेहतर आयोजन संभव हुआ. खिलाड़ियों के ठहरने, भोजन और परिवहन की सुविधाएं भी उत्कृष्ट रहीं.
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खेलो इंडिया के इस आयोजन से गया की पहचान केवल एक तीर्थ स्थल तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह खेल पर्यटन का नया केंद्र भी बन चुका है. स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और टैक्सी चालकों को इससे आर्थिक लाभ भी मिला है. बुद्ध पूर्णिमा की तुलना में इस बार उनकी कमाई में दो से तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई.
बिहार के खिलाड़ियों ने दिखाया दम
प्रतियोगिता में बिहार की टीम ने भी दम दिखाया. खासकर गतका में 9 पदक जीतकर उन्होंने राज्य का गौरव बढ़ाया. योग और अन्य खेलों में भी बिहार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. गया में हुए इस ऐतिहासिक आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि यह शहर अब खेलों की नई ऊर्जा और संभावनाओं का केंद्र बनने को तैयार है.
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