Home National Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में घर के मंदिर में भी नहीं मिल रहे भगवान…दरारग्रस्त घरों से नम आंखें दास्तां कर रहीं बयां

Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में घर के मंदिर में भी नहीं मिल रहे भगवान…दरारग्रस्त घरों से नम आंखें दास्तां कर रहीं बयां

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Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में घर के मंदिर में भी नहीं मिल रहे भगवान…दरारग्रस्त घरों से नम आंखें दास्तां कर रहीं बयां

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Joshimath Land Subsidence: चमोली जिले स्थित जोशीमठ में स्थानीय निवासियों की आंखें नम हैं। मकानों में दरारों के बाद उत्तराखंड सरकार ने धवस्तीकरण का आदेश दिया था, लेकिन मंगलवार को लोगों के भारी विरोध के बीच होटलों, और मकानों को धवस्त नहीं किया जा सका। बदरीनाथ धाम से महज 45 किमी दूरी पर स्थित जोशीमठ में लोग अपने-अपने घरों में पूजा तक नहीं कर पा रहे हैं। मंदिरों में दीया जलाने तक के लिए लोगों को प्रशासन का मुंह देखना पड़ रहा है। 

जोशीमठ के मोहनबाग में चंद्रबल्लभ पांडे का पूरा घर दरार आने से रहने लायक नहीं बचा है। उनका परिवार टूरिस्ट कंपाउंट में अस्थाई रूप से शिफ्ट किया गया है। सोमवार सुबह पांडे अपने दरकते घर के मंदिर में पूजा करने आए थे। मंदिर वाला कमरा बुरी तरह से दरक रहा था। फर्श भी फट रहा था।

अपने घर-आंगन से लोगों की भावनाएं और आस्था जुड़ी हुई है। लोगों के लिए उसे छोड़ना इतना आसान नहीं है। चंद्रबल्ल्भ पांडे कहते हैं कि प्रशासन के अधिकारी इस घर में रहने नहीं दे रहा। बताया कि घर का सामान एक कमरे में डाल दिया है। गेस्ट हाउस में जहां ठहराया गया है, वहां सामान ले जा नहीं सकते। पांडे कहते हैं, पंडताई और पूजा-पाठ करता हूं।

इस मुसीबत की घड़ी में अपने ईष्टदेव की पूजा नहीं छोड़ सकता। पौष का महीना है। इस महीने मंदिर को दूसरी जगह नहीं उठा सकता। इसलिए प्रशासन से अंधेरा महीना खत्म होने तक यहीं दीया जलाने की विनती की है। घर सील करने की चेतावनी मिली है। कहते हैं, जिस सीलिंग को आएंगे तो कह दूंगा मुझे भी घर अंदर सील कर दो।  

जिंदगीभर की जमापूंजी से बनाया था मकान

चंद्रबल्लभ पांडे बताते हैं, जोशीमठ में करीब 40 साल सिंचाई विभाग में नौकरी की। जिंदगीभर की जमापूंजी लगाकर ये घर बनाया है। इसमें उनका और उनकी भाभी का परिवार रहता है। एक बेटा देहरादून में है। चंद्रबल्लभ भी देहरादून में इलाज करा रहे थे, जब जोशीमठ में घर में दरार आने लगी तो फिर एक हफ्ते पहले ही जोशीमठ आए। अब सामान एक सुरक्षित कमरे में डाल दिया है। 

मनारी होटल के मालिक ने नोटिस ने भेजने के लगाए आरोप

जोशीमठ के मनारी-इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने आरोप लगाया है कि बिना नोटिस भेज प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जा रही है। कहा धवीस्तीकण की कार्रवाई करने से पहले प्रशासन को उनकी संपति का आंकलन करने के साथ उनको समयपूर्व नोटिस भेजना चाहिए था। आरोप जड़ा की पुलिस-प्रशासन की ओर से उन्हें धमकी जा रही है।  नम आखों से राणा का कहना था कि सारी उम्र की जमापूंजी उन्होंने होटल पर लगा दी थी। 

60 सालों से घर में रह रहे हैं, और अब…

जोशीमठ की रहने वाली बिंदु कहती हैं कि वह अपने मकान में पिछले 60 सालों से रह रहीं हैं। मकान में दरारें पड़ने के बाद अब प्रशासन ने मकान खाली करने को कहा है। एएनआई रिपोर्ट के अनुसार, बिंदु की शादी 19 साल की उम्र में हुई थी, और तभी से वह अपने मकान में रह रहीं है। नम आंखों से वह कहतीं हैं कि उनकी मां की उम्र 80 साल की है, और एक बड़ा भाई है। धवस्तीकरण की कार्रवाई से अब सब कुछ खत्म हो गया है। 

मर जाएंगे, मिट जाएंगे-गोली मार दो…;जोशीमठ में बुलडोजर ऐक्शन का विरोध

उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में होटलों-मकानों का तोड़ने की कार्रवाई के बीच स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है बुलडोजर एक्शन से पहले विस्थापन पर एक्शन प्लान होना चाहिए। मंगलवार को धवस्तीकरण की कार्रवाई स्थानीय निवासियों के विरोध के बीच शुरू नहीं हो पाई है।  होटल मालिकों ने आरोप जड़ा है कि नोटिस व संपति के आंकलन किए बिना ही धवस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। 

दो दिन में 90 से अधिक भवनों में लगे लाल निशान 

एडीएम चमोली द्वारा नगर में नौ सेक्टर टीमों का गठन कर दिया गया है जो नगर के हर भवन का बारीकी से निरीक्षण कर रही है व उसकी स्थित को लिखित कर रही है। दो दिन में इन टीमों ने नगर के विविध क्षेत्रा में 90 से अधिक भवनों में लाल निशान लगा दिए हैं जिसका मतलब है कि ये भवन अब खतरे में है व इनमें रहने वाले लोगों को विस्थापन केन्द्रों में या अन्यत्र किराये पर रहना होगा।  

जोशीमठ में भारी पुलिस फोर्स तैनात

जोशीमठ में धू-धंसाव की वजह से दरार वाले होटलों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू होने से पहले भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। मंगलवार को जोशीमठ में 400 के करीब पुलिस के जवानों के साथ ही एसडीआरएफ की आठ यूनिटों और एनडीआरएफ की एक यूनिट को तैनात किया गया है।

जोशीमठ में सेना और आईटीबीपी तैयार

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना किया। उन्होंने प्रभावितों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया। भट्ट ने कहा कि एहतियात के तौर पर सेना व आईटीबीपी को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। मंगलवार को जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद जौलीग्रांट से दिल्ली रवाना होने से पहले केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री भट्ट ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि केंद्र व राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है।

केंद्रीय एजेंसियां भी लगातार भू धंसाव व पानी के रिसाव की वजह का पता करने में जुटे है। इसके साथ ही आबादी समेत पूरे सेना क्षेत्र का ज्योलाजिकल सर्वे भी चरणबद्ध तरीके से कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आपदा के मद्देनजर सेना के 11 दस्ते और आईटीबीपी की तीन कंपनियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। आर्मी कैंप में जिन क्षेत्रों के भवनों में दरारें आई थी, उन सभी परिवारों को शिफ्ट कर दिया है।

कहा कि इस घड़ी में प्रभावित लोगों का हौंसला बना कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का वक्त है, न कि अफवाह फैलाने का। भट्ट ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि वे भी अपने सुझाव सरकार को दे सकते हैं। उन्होंने सेना और आईटीबीपी के अफसरों के साथ अलग-अलग बैठकें कर हर पल मुस्तैद रहने को कहा।

चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण 

एनडीएमए के सदस्यों ने यह भी कहा कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में भी कार्य योजना बनाए जाने तथा इस संबंध में सभी संस्थानों की दी गई रिपोर्टों पर की जाने वाली कार्यवाही एक छत के नीचे हो ताकि अध्ययन रिपोर्टों का त्वरित लाभ प्राप्त हो। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों के सभी बड़े कस्बों का सर्वे कराने का फैसला लिया है। इसके लिए  आवश्यक वैज्ञानिक शोध व परीक्षण आदि के लिए उन्होंने सहयोग की अपेक्षा की है। 

मोहनबाग से दरकते हुए सिंहधार पहुंचीं दरारें

मोहनबाग जोशीमठ का ऊपरी इलाका है, यहीं सबसे पहले दरारें पड़ने का सिलसिला शुरू हुआ था। यहीं से बढ़ते हुए दरारें शहर के मध्य में माउंट व्यू होटल पहुंची और वहां से नीचे सिंहधार तक बढ़ती चली गई। सिंहधार जोशीमठ नगर का निचला इलाका है।  मोहनबाग में करीब 80 घरों में दरारें हैं।  घरों में दरारें पड़ने से लोगों मे दहशत का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। 

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