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शनि जयंती पर करना है व्रत-पूजन, तो जानें पूजा सामग्री और मुहूर्त

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शनि जयंती पर करना है व्रत-पूजन, तो जानें पूजा सामग्री और मुहूर्त

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इस साल शनि जयंती 27 मई को है. उस दिन ज्येष्ठ अमावस्या है. कर्मफलदाता शनि देव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था. इस साल शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 7 मिनट के लिए बनेगा. इस योग में आप कोई अपनी मनोकामना पूर्ण करना चाहते हैं तो शनि मंदिर में जाकर शनि देव को प्रसन्न करें. शनि जयंती के अवसर पर व्रत रखते हैं और पूजा वि​धि विधान से करते हैं. इस साल आपको शनि जयंती पर व्रत और पूजा करनी है तो आपको पूजा सामग्री और मुहूर्त के बारे में जानकारी होनी चाहिए.

शनि जयंती पूजा सामग्री लिस्ट 2025

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि शनि देव कलियुग में जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं, लेकिन भक्तों को पाप कर्म से दूर रहना चाहिए. नहीं तो आप जैसा कर्म करेंगे, वैसा ही आपको फल देंगे. शनि देव की पूजा की सामग्री अन्य देवी और देवताओं की पूजा सामग्री से थोड़ी अलग होती है. आइए जानते हैं शनि जयंती की पूजा सामग्री के बारे में.

1. सरसों या तिल का तेल – शनि देव को अर्पित करने के लिए.
2. काला तिल – यह शनि देव को अत्यंत प्रिय है.
3. काले या नीले रंग की वस्तुएँ – शनि देव के लिए काले या नीले रंग के कपड़े, काले चने, काला कपड़ा दान के लिए.
4. पीपल के पत्ते – पूजा में उपयोग के लिए.
5. लोहा या स्टील का बर्तन – यह शनि से संबंधित धातु हैं.

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6. धूप और दीप – शनि देव के लिए सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाते हैं.
7. नीले और काले रंग के फूल — शनि देव के लिए शमी के फूल, शमी के पत्ते, काला गुलाब.
8. मिठाई – शनि देव को काला जामुन या गुलाब जामुन का भोग लगाएं.
9. काली उड़द – श​नि देव को अर्पित करने और दान के लिए.
10. मौसमी फल

11. रक्षा सूत्र – इसमें काला धागा का उपयोग कर सकते हैं.
12. शनि देव की मूर्ति या तस्वीर या फिर शनि मंदिर में ही पूजन करें क्योंकि घर में शनि देव की मूर्ति या तस्वीर नहीं रखते हैं.
13. अगरबत्ती, रुई की बत्ती, अक्षत, रोली
14. आसन के लिए काला कंबल
15. शनि चालीसा, शनि स्तोत्र और शनि देव की जन्म कथा की पुस्तक

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शनि जयंती मुहूर्त और शुभ योग 2025

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 26 मई, सोमवार, दोपहर 12:11 बजे से
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का समापन: 27 मई, मंगलवार, सुबह 8:31 बजे पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक सुकर्मा योग: प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 54 मिनट तक
द्विपुष्कर योग: 28 मई को 05:02 ए एम से 05:25 ए एम तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:03 ए एम से 04:44 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:51 ए एम से दोपहर 12:46 पी एम तक

शनि जयंती पर दान की वस्तुएं

शनि जयंती के अवसर पर शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से शनि से जुड़े दोष मिटते हैं. शनि दोष और उसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आप शनिवार और शनि जयंती के दिन काले और नीले वस्त्र, सरसों या तिल के तेल, काला तिल, काली उड़द, लोहा, स्टील के बर्तन, काला कंबल, जूते और चप्पल आदि का दान करना चाहिए.

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