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Pakistan News Today: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया. चीन ने UNSC में भारत के प्रस्ताव का विरोध किया, जिसमें पांच आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने की मा…और पढ़ें

भारत के खिलाफ पाकिस्तान संग चीन खड़ा हो गया है. (News18)
हाइलाइट्स
- चीन ने UNSC में भारत के प्रस्ताव का विरोध किया.
- भारत ने पांच आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
- पाकिस्तानी आतंकियों के समर्थन में खड़ा हो जाता है चीन.
नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले कर अपना बदला तो ले लिया, लेकिन अब बारी है यूनाइटेड नेशन के जरिए आतंक के नेटवर्क को ध्वस्त करने की. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने एक बार फिर आतंक पर अपने खास दोस्त पाकिस्तान का साथ देते हुए यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC में भारत के प्रपोजल पर बट्टा लगाने की तैयारी में है. खबर के मुताबिक एनआईए ने एक डोजियर तैयार किया है, जिसमें कुल पांच आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की गई थी. चीन पहले भी इस तरह के प्रस्ताव का यूएन में विरोध करता आया है. बता दें कि चीन यूएनएससी का स्थाई सदस्य है. उसके पास भारत के प्रस्ताव को वीट कर रोकने का हक है.
पाकिस्तान-आधारित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के अब्दुल रऊफ असगर, साजिद मीर, अब्दुर रहमान मक्की, तल्हा सईद, और शाहिद महमूद रहमतुल्लाह को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने और उन पर प्रतिबंध लगाने की मांग भारत की तरफ से की गई थी. इसके अलावा 2025 के पहलगाम हमले में शामिल एलईटी की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी TRF पर प्रतिबंध लगाने का भारत का प्रस्ताव भी चीन रोक सकता है. रिपोर्ट के अनुसार एनआईए डोजियर में इन आतंकवादियों द्वारा भारत में 26/11 मुंबई हमले, 2019 पुलवामा हमला, 2016 पठानकोट हमला, 2001 संसद हमला, और आईसी 814 फ्लाइट के अपहरण के सबूत दिए गए थे.
TRF पर तीन बार चीन वीटो कर चुका है प्रस्ताव
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन TRF पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के लिए तीन बार प्रस्ताव पेश किया. पहला प्रस्ताव दिसंबर 2023 में पेश किया गया था. फिर दूसरा मई 2024 में और अंत में तीसरा प्रस्ताव दिसंबर 2024 में दायर किया गया. अंतिम रिपोर्ट फरवरी 2025 में सबमिट की गई, लेकिन तीनों ही बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर भारत के प्रयासों को रोक दिया.
पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा हो जाता है चीन
भारत के प्रस्तावों में TRF को लश्कर-ए-तैयबा की शाखा बताया गया था, जो 2025 के पहलगाम आतंकी हमले सहित कई हमलों में शामिल रहा है. भारत ने सबूतों के साथ यूएन को डोजियर सौंपा था, जिसमें TRF की आतंकी गतिविधियों का विस्तृत विवरण था. इसके बावजूद चीन ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया को बाधित किया, जिससे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को कमजोर संदेश गया. भारत ने इसे राजनीतिक द्वेष और आतंकवाद के खिलाफ ढीले वैश्विक रवैये का उदाहरण बताया है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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