Home Life Style सोम प्रदोष व्रत कब है? सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

सोम प्रदोष व्रत कब है? सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

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सोम प्रदोष व्रत कब है? सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

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जून 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. यह आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत होगा. सोमवार के दिन प्रदोष होने से इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. सोमवार के दिन का प्रदोष व्रत अत्यंत ही शुभ फलदायी माना जाता है. सोम प्रदोष व्रत के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो शिव पूजा के समय भी रहेगा. इस शुभ योग में आप जो भी शुभ मनोकामना से शिव पूजा करते हैं, महादेव की कृपा से वह पूर्ण होगी और आपको कार्यों में सफलता प्राप्त होगी. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि सोम प्रदोष व्रत कब है? शिव पूजा का मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग और इसका महत्व क्या है?

सोम प्रदोष व्रत 2025 तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, 23 जून सोमवार के दिन 1 बजकर 21 एएम पर आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा. यह तिथि 23 जून को ही रात 10 बजकर 9 मिनट पर खत्म हो जाएगी. ऐसे में उदयातिथि और प्रदोष पूजा मुहूर्त के आधार सोम प्रदोष व्रत 23 जून को है.

सोम प्रदोष व्रत 2025 मुहूर्त

23 जून को सोम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे है. प्रदोष व्रत की पूजा शाम 7 बजकर 22 मिनट पर प्रारंभ होगी, उसके बाद आप 9 बजकर 23 मिनट तक कर सकते हैं. 07:22 पी एम से 09:23 पी एम के बीच प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त है. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय ही करते हैं.

प्रदोष के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:04 ए एम से 04:44 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजरक 51 मिनट तक है. प्रदोष का निशिता मुहूर्त 24 जून को 12:03 ए एम से लेकर 12:44 ए एम तक है. निशिता मुहूर्त में मंत्रों की ​सिद्धि करते हैं.

सर्वार्थ सिद्धि योग में सोम प्रदोष व्रत 2025
सोम प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 3 बजकर 16 मिनट से बनेगा, जो 24 जून दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक मान्य रहेगा. प्रदोष को प्रात:काल से धृति योग बनेगा, जो दोपहर 01 बजकर 17 मिनट तक रहेगा, उसके बाद शूल योग है. प्रदोष के दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक है, उसके बाद से रोहिणी नक्षत्र है.

सोम प्रदोष व्रत पर लगेगी भद्रा
सोम प्रदोष व्रत के दिन भद्रा लगेगी. हालांकि इस भद्रा का वास स्थान स्वर्ग है. स्वर्ग की भद्रा का दुष्प्रभाव पृथ्वी पर ​नहीं होता है. भद्रा रात में 10 बजकर 09 मिनट पर लगेगी, जो 24 जून को सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक रहेगी.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं तो सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, जीवन में सुख और समृद्धि आएगी और कुंडली का चंद्र दोष दूर होगा. इस दिन आप शिव मंत्रों का जाप करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

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