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Char Dham Yatra: उत्तराखंड में आगामी केदारनाथ-बदरीनाथ चारधाम यात्रा के दौरान अधिक उम्र के लोगों को हिमालय में स्थित चारधामों में पहुंचने से पहले अनुकूलन के लिए एक या दो दिन यात्रा पड़ाव पर बिताना पड़ सकता है। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सलाह मांगी है। पिछले साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड यात्री उमड़े थे।
लेकिन इस दौरान धामों में या फिर यात्रा मार्ग पर कई यात्रियों की अचानक मौत के भी मामले सामने आए थे। इसमें ज्यादातर मामले हार्टफेल के थे। इससे सबक लेते हुए, सरकार आगामी यात्रा सीजन के दौरान बुजुर्ग और बीमार यात्रियों के लिए एक ही दिन में अधिक उंचाई पर जाने के बजाय कुछ समय अनुकूलन के लिए यात्रा पड़ाव पर बिताने की व्यवस्था कर सकती है।
पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि गत यात्रा सीजन में ज्यादातर मृत यात्रियों की उम्र 59 साल से अधिक थी। इसलिए ऐसे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा दो चरणों में की जा सकती है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एडवायजरी मांगी गई है। महाराज ने कहा कि सरकार चारों धामों की धारण क्षमता का भी आंकलन कर रही है, इसी के अनुसार यात्रा का संचालन किया जाएगा।
महाराज के मुताबिक जोशीमठ के घटनाक्रम से बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वर्तमान में भी सभी वाहन आसानी से सड़क से होकर गुजर रहे हैं। कहा कि अब यातायात के साधनों में सुधार होने से मुंबई जैसे समुद्रतटीय शहरों के लोग एक ही दिन में उच्च हिमालय पर स्थित धामों में पहुंच जाते हैं।
इससे शरीर को अनुकूलन का मौका नहीं मिल पाता है। इसलिए एक निश्चित उम्र के यात्रियों के लिए यात्रा दो चरण में किए जाने पर विचार किया जा रहा है। लद्दाख जैसी कई जगहों पर यह व्यवस्था पहले से ही है। चारधाम यात्रा पर इस साल रिकार्ड 46 लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे।
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